राउरकेला. चक्रधरपुर डीआरएम अरुण जे राठौड़ ने शनिवार को राउरकेला रेलवे स्टेशन का दौरा किया था. उनके दौरे के बाद राउरकेला स्टेशन के पास पिछले करीब 50 साल से गुमटी में दुकान लगाने वाले दुकानदारों पर रेलवे की गाज गिरी है. डीआरएम के आदेश पर इन दुकानदारों काे आगामी 48 घंटों के अंदर यह जगह खाली करने का फरमान सुनाया गया है. इसे लेकर इन गुमटियों पर नोटिस भी चस्पा कर दिया गया है. इस फरमान से दुकानदारों में आक्रोश देखा जा रहा है. उनका कहना है कि वे यहां पर विगत 50 साल से गुमटी लगाकर रोजी-रोटी चला रहे हैं. यदि उन्हें यहां से हटाया गया, तो उनके समक्ष भूखों मरने की नौबत आ जायेगी. जिस कारण रेलवे को अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए.
दुकानदारों ने जताया विरोध, कहा-पुनर्विचार करे रेलवे
राउरकेला स्टेशन के पास करीब 48 दुकानदार गुमटी लगाकर नाश्ता होटल, चाय का ठेला, पान ठेला, बेल्ट, कपड़ों आदि का कारोबार करते आ रहे हैं. वे लोग करीब 50 साल से यहां यह छाेटा-मोटा कारोबार कर अपना व परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं. लेकिन रविवार शाम राउरकेला आरपीएफ व आइडब्ल्यूओ ने यहां पर पहुंचकर इन गुमटी में नोटिस लगाकर 48 घंटों के अंदर जमीन खाली करने को कहा है. नोटिस में इन दुकानदारों की ओर से रेलवे की कितनी जमीन पर कब्जा किया गया है, इसका विवरण देने के साथ यह जमीन खाली करने का फरमान जारी किया गया है. इसे लेकर कुछ दुकानदारों ने विरोध भी किया गया, जिस पर उन्हें बताया गया कि यह डीआरएम का आदेश है.
परिवार चलाना होगा मुश्किल
स्टेशन के बाहर गुमटी में दुकान चलाने वाले प्रमोद परिच्छा ने कहा कि हम यहां पर विगत पांच दशक से गुमटी लगाकर छोटा-मोटा कारोबार कर परिवार चलाते आ रहे हैं. अचानक हमें यहां से हटने को कहा जायेगा, तो हमारे लिए भूखों मरने की नौबत आ जायेगी. श्रीचरण जेना ने कहा कि रेलवे की ओर से इन गुमटियों को हटाने से पूर्व इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए. अन्यथा हमारी रोजी-रोटी भी छिन जायेगी. हमारे व परिवार के सामने आर्थिक संकट आ जायेगा.
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