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Education Department News : चार साल से 57 करोड़ का हिसाब नहीं दे रहे कई प्रधानाध्यापक, 115 केस दर्ज

झारखंड के स्कूलों को सिविल वर्क (भवन निर्माण संबंधित कार्य) व अलग-अलग योजनाओं के लिए उपलब्ध कराये गये 57 करोड़ रुपये का हिसाब प्रधानाध्यापक नहीं दे रहे हैं. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इस संबंध में सभी जिलों को पत्र लिखा है.

प्रमुख संवाददाता, (रांची). झारखंड के स्कूलों को सिविल वर्क (भवन निर्माण संबंधित कार्य) व अलग-अलग योजनाओं के लिए उपलब्ध कराये गये 57 करोड़ रुपये का हिसाब प्रधानाध्यापक नहीं दे रहे हैं. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इस संबंध में सभी जिलों को पत्र लिखा है. जिलों को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के पूर्व स्कूलों को सिविल वर्क के लिए उपलब्ध करायी गयी राशि में से 39.16 करोड़ व अलग-अलग योजनाओं के लिए उपलब्ध करायी गयी राशि में से 18.14 करोड़ रुपये के खर्च का हिसाब नहीं दिया गया है. पत्र में राशि सामंजन की प्रक्रिया जल्द पूरी करने को कहा गया.

जहां एक करोड़ रुपये से अधिक की राशि लंबित, वहां समीक्षा के आदेश

जिलों को भेजे गये पत्र में कहा गया गया है कि जहां एक करोड़ रुपये से अधिक की राशि लंबित हैं, उस जिला के अभियंता, सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी, लेखा पदाधिकारी को मुख्यालय बुलाकर समीक्षा करने को कहा गया है. जिलों को भेजे गये पत्र के अनुसार, साहिबगंज में 7.83 करोड़, देवघर में 7.39 करोड़, पलामू में 5.34 करोड़, सिमडेगा में 4.16 करोड़, बोकारो में 4.04 करोड़ व रांची में 4.02 करोड़़ अग्रिम राशि का सामंजन नहीं किया गया है.

अब तक 115 प्राथमिकी करायी गयी दर्ज

57 करोड़ के अलावा 5.14 रुपये को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा अलग से प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. विभाग ने अलग-अलग जिलों में 115 प्राथमिकी दर्ज करायी है. शिक्षा विभाग द्वारा बार-बार निर्देश दिये जाने के बाद भी इस राशि की खर्च का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया गया. इसके बाद विभाग द्वारा प्राथमिकी दर्ज करायी गयी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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