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बांग्लादेश में हिंसक आंदोलन का मछली व्यवसाय पर पड़ा असर

सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ बांग्लादेश में छात्रों का हिंसक आंदोलन लगातार तेज हो रहा है.

बांग्लादेश से नहीं पहुंच रही हैं मछलियां, औसतन हर रोज ढाई करोड़ का नुकसान

हावड़ा. सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ बांग्लादेश में छात्रों का हिंसक आंदोलन लगातार तेज हो रहा है. पूरे बांग्लादेश में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गयी है. स्थिति पूरी तरह से बेकाबू होती जा रही है. बांग्लादेश में हो रही हिंसा का प्रभाव हावड़ा मछली बाजार पर भी पड़ा है. बांग्लादेश से आने वाली मछलियां राज्य में नहीं पहुंच रही हैं, जिससे मछली व्यवसायियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

पिछले चार-पांच दिनों से आयात पूरी तरह से बंद है. परिणामस्वरूप, हिलसा सहित विभिन्न मछलियों की आपूर्ति ठप है. जानकारी के अनुसार, हावड़ा मछली बाजार में हर दिन बांग्लादेश से टेंगरा, भेटकी, पाबदा, पोम्फ्रेट सहित करीब विभिन्न प्रकार की लगभग 100 टन मछलियां आयात की जाती हैं. बांग्लादेश से मछलियां नहीं आने से हावड़ा मछली बाजार में मछलियों की कमी हो गयी है. इस बारे में पूछे जाने पर फिश इंपोर्टर्स एसोसिएशन के सचिव सैयद अनवर मकसूद ने कहा कि बांग्लादेश में इंटरनेट सेवा बंद होने के कारण वे लोग ऑनलाइन पेमेंट नहीं कर पा रहे हैं. बांग्लादेश से ट्रकों का आवागमन भी बंद है. मछलियां बाजार में नहीं आने से मछली व्यवसायी काफी संकट में हैं. हर दिन औसतन ढाई करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि हिलसा मछली की मांग राज्य में काफी अधिक है, लेकिन अभी यह निश्चित नहीं है कि हिलसा मछली राज्य में कब पहुंचेगी. हमलोग सभी स्थिति सुधरने की इंतजार में हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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