Sawan 2024: पटना. आज से सावन माह की शुरुआत हो चुकी है. 22 जुलाई को सावन की पहली सोमवारी है. बिहार के तमाम शिवालयों में भक्तों का देर रात से ही तांता लगा हुआ है. मधेपुरा का सिंहेश्वर धाम हो या मधुबनी का माधेश्वर धाम, दरभंगा का कुशेश्वरधाम हो या मुजफ्फरपुर का गरीबनाथ महादेव, हर शिवालय में जल चढ़ाने के लिए भक्तों की लंबी-लंबी लाइन लगी हुई है. इस साल सावन सोमवार से शुरू होकर सोमवार को ही समाप्त हो रहा है. पूरे एक महीने में पांच सोमवारी पड़ रहा है. राजधानी पटना की बात करें तो यहां भी शिवालय में बाबा भोलेनाथ पर जल चढ़ाने के लिए भक्त सुबह से ही अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं.
देर रात से ही भक्तों की लग गयी कतार
मुजफ्फरपुर के बाबा गरीबनाथ मंदिर में देर रात से जन भक्तों का सैलाव उमड़ पड़ा है. सुबह सात बजे तक 50 हजार लोग कतार में आ चुके थे. सावन की पहली सोमवारी पर बाबा गरीबनाथ की मंदिर में देर रात से ही भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. यहां कांवरिया 87 किलोमीटर दूर से जलाभिषेक करने आए हैं. सुबह आठ बजे तक 25 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा गरीबनाथ के मंदिर में श्रद्धालु जलाभिषेक कर दिए हैं. मुजफ्फरपुर के गरीब स्थान मंदिर को बाबाधाम जैसा दर्जा है. बाबा गरीबनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित विनय पाठक हैं.
हर हर महादेव की ध्वनी से खुला गर्भगृह का पट
मधेपुरा स्थित बाबा भोले की नगरी सिंहेश्वर धाम में पहली सोमवारी को अहले सुबह से अब तक करीब लाखों भक्तों ने बाबा का जलाभिषेक किया. श्रद्धालुओं का रविवार देर रात से ही छोटी-बड़ी गाड़ियां भर-भर कर आना शुरू हो गया था. भीड़ ज्यादा होने की आशंका को देखते हुए पंक्तिबद्ध श्रद्धालुओं के लिए बाबा के गर्भ गृह के पट लगभग दो बजे ही खोल दिए गए. पट खुलने से पहले और पट खुलने के बाद बोल बम और हर हर महादेव की ध्वनि से पूरा मंदिर परिसर गूंज उठा.
महिला श्रद्धालुओं की संख्या अधिक
बाबा मंदिर परिसर सहित पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया. दूर-दराज और कई स्थानीय श्रद्धालु बाबा मंदिर पहुंचने के साथ ही शिवगंगा में डुबकी लगा कर पूजा-अर्चना करने में जुटे रहे, जबकि कई श्रद्धालुओं ने स्थानीय पुजारी द्वारा जल-फूल का संकल्प करा कर पूजा-अर्चना करवाई. पूजा के दौरान श्रद्धालु नंदी भगवान से आशीर्वाद मांगने से नहीं चूके. गर्भ गृह के पट खुलने के बाद से सुबह लगभग सात बजे तक महिला श्रद्धालुओं की संख्या काफी ज्यादा रही. हालांकि भीड़ नियंत्रण में रही.