जीवन जागृति सोसाइटी की ओर से सोमवार को नवादा, राघोपुर, खरीक एवं नवगछिया में सर्पदंश से बचाव व जागरूकता अभियान चलाया गया. अध्यक्ष डॉ अजय कुमार सिंह ने कहा कि झाड़ फूंक के चक्कर में जाकर समय बर्बाद किये बिना जल्द अस्पताल ले जाएं और एंटी स्नेक वेनम से इलाज कराएं. इससे शत-प्रतिशत जान बच सकती है. उन्होंने कहा कि सभी रेफरल अस्पताल में इसकी दवा उपलब्ध है. साथ ही उन्होंने कहा कि देश में 60000 एवं बिहार में करीब 5000 लोगों की जान सर्पदंश से जाती है. सर्पदंश के बाद व्यक्ति को जल्द अस्पताल पहुंचाने के अलावा कुछ और बातों का ध्यान रखना चाहिए. इसमें चीरा नहीं लगाएं, उसे कस कर रस्सी से बांधे नहीं, उससे पैर सड़ने का खतरा होता है और कई बार पैर काटना पड़ जाता है. इसके अलावा जब उसे खोला जाता है तो अचानक से विष तेजी से हृदय द्वारा ब्रेन और अन्य जगह पहुंच कर सांस रोक देता है. दवा भी जान नहींं बचा पाता है. इसके अलावा सीपीआर की ट्रेनिंग दी गयी. कार्यक्रम में नीरज कुमार, पिंटू, रजनीश, मृत्युंजय, अखिलेश आदि का योगदान रहा.
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