बिहारशरीफ. मुखिया की योजनाओं में कटौती और मुखिया की योजनाओं का टेंडर कराए जाने का विरोध नालंदा जिले में दिख रहा है. बिहार शरीफ के एक निजी सभागार में नालंदा जिला मुखिया संघ की बैठक हुई. जिसमें 19 सूत्री मांगों पर चर्चा की गई. इस मुखिया संघ की बैठक में नालंदा जिले के तमाम पंचायत के मुखिया और उनके प्रतिनिधियों ने शिरकत की. मुखिया संघ ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार लगातार मुखिया के साथ भेदभाव की नीति अपना रही है. इस बार नालंदा जिला मुखिया संघ ने सरकार को सबक सिखाने का संकल्प लिया है. सरकार विधायक, सांसद और एमएलसी को वेतन भत्ता देने का काम करती है, लेकिन मुखिया को इन सभी व्यवस्थाओं से अलग रखा गया है. अगर समय रहते सरकार गंभीर नहीं रहती तो आने वाले विधानसभा चुनाव में इसका अंजाम राज्य की सरकार को भुगतना होगा. मुखिया संघ ने एक सुर में कहा कि जिस तरह से प्रशांत किशोर की जन स्वराज पार्टी गरीबों के लिए आवाज को बुलंद करने का काम कर रही है . ठीक उसी तरह जनसुराज पार्टी के तर्ज पर मुखिया संघ भी अपनी पार्टी बनाएगी और आने वाले विधानसभा चुनाव में मुखिया संघ की आवाज की बुलंद जाएगी और सरकार को सबक सिखाने का काम करेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है