हावड़ा. बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर हिंसक झड़प लगातार जारी है. घटना में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की खबर है. बेकाबू हो चुकी इस स्थिति के बीच ही 4,500 से अधिक भारतीय छात्र स्वदेश लौट चुके हैं, जिसमें जिले के उलबेड़िया लॉक गेट इलाके का रहने वाले शुभोदीप मिस्त्री भी शामिल हैं. घर लौटने के बाद शुभोदीप और उनके परिजनों ने राहत की सांस ली है, लेकिन शुभोदीप की तबीयत ठीक नहीं है. वह अभी भी दहशत में हैं. शुभोदीप ने बांग्लादेश में भारतीय दूतावास पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है. उसने बताया कि वह अपने साथियों के साथ जान-जोखिम में डालकर घर पहुंचे हैं. गौरतलब है कि शुभोदीप मिस्त्री ढाका में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. वह तृतीय वर्ष के छात्र हैं. उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के कारण स्थिति पूरी तरह बेकाबू हो गयी है. बम और गोलियों की आवाज से पूरा शहर थर्रा रहा है. सेना और पुलिस के जवान आंदोलनकारियों को गोली मार दे रहे हैं. इंटरनेट सेवा भी कर दी गयी है. हॉस्टल से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है. उन्होंने बताया कि उनके हॉस्टल में रहने वाले 106 भारतीय छात्रों ने भारतीय दूतावास से संपर्क कर उन्हें घर भेजने की अपील की थी, लेकिन कोई मदद नहीं मिली. इंटरनेट सेवा बंद होने के बावजूद उनलोगों को ऑनलाइन हवाई टिकट लेने के लिए कहा गया. आखिरकार, भारतीय दूतावास ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि वे खुद ही व्यवस्था कर अपने घर लौटें. भारतीय दूतावास कोई जिम्मेदारी नहीं लेगा. इसके बाद मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल ने एक पत्र लिखकर सभी छात्रों को दिया. इसके बाद यही पत्र बांग्लादेश की सेना और पुलिस को दिखाकर ये लोग हॉस्टल से निकले और नाव से नदी पार करते हुए बॉर्डर पहुंचे, जहां बीएसएफ के जवानों ने इन्हें घर भेजने में मदद की.
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