बैरकपुर. लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के खराब नतीजे को लेकर रविवार को बांकुड़ा में भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने प्रदेश नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कहा था कि हम संगठन को जानते हैं, आंदोलन को जानते हैं, लेकिन वोट कैसे मिलेगा ये नहीं जानते. उन्होंने चुनाव में हुई हार के लिए पार्टी की अनुभवहीनता को जिम्मेदार ठहराया था. उनके सुर में सुर मिलाते हुए बैरकपुर लोकसभा के पूर्व सांसद अर्जुन सिंह ने सोमवार को कहा कि दिलीप घोष पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं. उन्हें इस बात का एहसास देर से हुआ. अगर हमें उनके जैसा नेता मिले, तो हम पार्टी के जमीनी स्तर से संगठन को ठीक कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि हम तो शुरू से ही कह रहे हैं कि बंगाल में वोट होता नहीं, कराया जाता है. जो व्यक्ति तृणमूल की छत्रछाया में टोटो, ऑटो चलायेगा और उसे मंडल सभापति, बूथ सभापति व शक्ति प्रमुख बना दिया जायेगा, तो वह तृणमूल के खिलाफ कभी लड़ाई नहीं कर पायेगा. उसे हमेशा अपना रोजगार खोने का डर सताता रहेगा. उन्होंने कहा कि घर में बैठकर कागज-कलम पर कमेटी गठन करने से यहां भाजपा कभी सत्ता हासिल नहीं कर सकती. उन्होंने कहा कि हम पार्टी के निचले स्तर के संगठन को दुरुस्त कर सकते हैं. प्रतिद्वंदी दल से चुनाव लड़ना सीखेंगे, तो वोट पा सकेंगे. गलतियों को समय रहते सुधारना चाहिए.
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