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दस्त होने पर बच्चों को दें जिंक की खुराक- सीएस

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत शिशु दस्त को शून्य स्तर तक लाने के लिए मंगलवार को नगर परिषद क्षेत्र के भछियार मुहल्ला के महादलित टोला में दस्त रोकथाम सह जागरूकता अभियान कार्यक्रम का शुभारंभ पीएचसी प्रभारी डॉ वीरेंद्र कुमार द्वारा ओआरएस का पैकेट वितरित कर किया गया.

जमुई. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत शिशु दस्त को शून्य स्तर तक लाने के लिए मंगलवार को नगर परिषद क्षेत्र के भछियार मुहल्ला के महादलित टोला में दस्त रोकथाम सह जागरूकता अभियान कार्यक्रम का शुभारंभ पीएचसी प्रभारी डॉ वीरेंद्र कुमार द्वारा ओआरएस का पैकेट वितरित कर किया गया. मौके पर उन्होंने बताया कि 23 जुलाई से 22 सितंबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम के दौरान आशा घर-घर जाकर 0 से 05 वर्ष तक के सभी बच्चों को ओआरएस पैकेट्स का वितरण करेंगी. साथ ही अभियान के दौरान दस्त से ग्रसित बच्चों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिंक की गोलियां उपलब्ध करायी जायेंगी. इसके अलावे एएनएम और आंगनबाड़ी सेविका अपने क्षेत्र में ओआरएस का घोल बनाने की विधि तथा स्वच्छता अपनाने को लेकर लोगों को जागरूक करेंगी. उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में आयोजित दस्त रोकथाम अभियान का मुख्य उद्देश्य डायरिया के प्रसार को कम करते हुए इससे होने वाले शिशु मृत्यु को शून्य स्तर पर लाना है. इसे लेकर पूर्व में एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी सेविका को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. मौके पर सामुदायिक उत्प्रेरक सुनील कुमार, यूनिसेफ से बीएमसी राजेश कुमार, पिरामल से गुंजन कुमार, उषा भगत, आशा सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी व स्थानीय ग्रामीण मौजूद थे.

डायरिया के प्रसार को कम करने में लोग बनें सहभागी

सिविल सर्जन डॉ कुमार महेंद्र प्रताप ने बताया कि 0 से 05 वर्ष तक के बच्चों के डायरिया से होने वाले मृत्यु का मुख्य कारण निर्जलीकरण के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी होना है. ओआरएस और जिंक के प्रयोग द्वारा डायरिया से होने वाले मृत्यु को टाला जा सकता है. अभियान के दौरान अंतर्विभागीय समन्यवय द्वारा संबंधित लोगों को दस्त के रोकथाम के उपायों, दस्त होने पर ओआरएस एवं जिंक के प्रयोग की समझ विकसित करते हुए दस्त के दौरान उचित पोषण तथा समुचित इलाज उपलब्ध कराई जायेगी, ताकि संबंधित बच्चों को डायरिया ग्रसित होने से सुरक्षित किया जा सके. इसके लिए जिले के सभी अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में शामिल शहरी झुग्गी-झोपड़ी, कठिन पहुंच वाले क्षेत्र, घुमंतू-निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के परिवार, ईंट भट्ठे वाले क्षेत्र, अनाथालय तथा ऐसा चिन्हित क्षेत्र जहां दो-तीन वर्ष पूर्व तक दस्त के मामले अधिक पाए गए हों, वहां ओआरएस-जिंक कार्नर लगाया जायेगा.

जिंक गोली लेने से दस्त की तीव्रता हो जाती है कम

सीएस ने बताया कि दस्त होने पर 02 माह से 06 माह तक के बच्चों को जिंक की आधी गोली 10 एमजी एवं 07 माह से 05 वर्ष तक के बच्चों को एक गोली 20 एमजी उपयोग कराने की जानकारी स्वास्थ्य कर्मी परिजनों को देंगे. दस्त बंद हो जाने के उपरांत भी जिंक का खुराक बच्चों को कुल 14 दिनों तक जारी रखने की जानकारी दी जायेगी. जिससे दस्त ग्रसित बच्चों को डायरिया ग्रसित होने से सुरक्षित रखा जा सके. सीएस डॉ प्रताप ने बताया कि जिंक का उपयोग करने से बच्चों के दस्त की तीव्रता में कमी आ जाती है एवं अगले 02 से 03 महीने तक बच्चों के दस्त एवं निमोनिया ग्रसित होने की संभावना कम हो जाती है.

बच्चों में दस्त के लक्षण

– पानी जैसा लगातार दस्त का होना

– बार बार उल्टी होना

– बच्चों को अत्यधिक प्यास लगना

– बच्चे के सुस्त या बेहोश हो जाना

– पानी न पी पाना

– बुखार होना

– मल में खून का आना

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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