एफआरएएस विधि से उपस्थिति दर्ज कराने के राज्य स्वास्थ्य समिति के आदेश का विरोध करते हुए एनएचएम कर्मियों ने मंगलवार को दूसरे दिन भी कार्य बहिष्कार जारी रखा. बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के आह्वान पर 10 सूत्री मांगों को लेकर एनएचएम कर्मियों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार कर रखा है. इनके कार्य बहिष्कार से जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से जुड़ी तमाम तरह की सेवाओं में गतिरोध आ गया है. खासकर संस्थागत प्रसव, टीकाकरण तथा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होने लगा है. मंगलवार को सदर अस्पताल के कई वरिष्ठ स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि कर्मियों का कार्य बहिष्कार लंबे दिनों तक खिंच गया, तो एनएचएम की सेवाएं पूरी तरह ठप हो जायेंगी. इधर संघ ने अपनी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने का एलान कर रखा है. समान काम का समान वेतन, राज्यकर्मी का दर्जा समेत अन्य मांगों को लेकर एनएचएम कर्मियों के कार्य बहिष्कार के दूसरे दिन भी जिला मुख्यालय से लेकर सभी पीएचसी में धरना-प्रदर्शन किया गया. पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत मंगलवार को इन सभी जगहों पर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक पदाधिकारी के उस पत्र की प्रतियां जलायी गयीं, जिसमें एनएचएम कर्मियों को 22 जुलाई से एफआरएएस के जरिये हाजिरी दर्ज कराने का आदेश दिया गया है. सदर अस्पताल परिसर में बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला मंत्री राकेश कुमार सिंह, सम्मानित अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार आदि के नेतृत्व में एनएचएम कर्मियों ने आदेश की प्रतियां जलाते हुए विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद संघ के जिलाध्यक्ष राजेश रंजन की अध्यक्षता में सभा की गयी. मौके पर वीरेंद्र कुमार, कमल किशोर यादव, राजू कुमार, मनोज कुमार, सुरेंद्र राय, नूतन कुमारी आदि ने विचार रखते हुए आंदोलन जारी रखने की बात कही.
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