16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

BSNL के लौटेंगे अच्छे दिन, 82916 करोड़ रुपये से सरकार फूंकेगी नयी जान

Budget 2024 Highlights: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीएसएनएल के लिए गुड न्यूज दी है. इस बार के बजट में मोदी सरकार ने टेलीकॉम सेक्टर के लिए बड़े प्रावधान किये हैं.

Budget 2024 Highlights: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट टेलीकॉम सेक्टर और खासकर भारत संचार निगम लिमिटेड के लिए खुशखबरी लेकर आया है. वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पेश किये गए बजट में सरकार ने टेलीकॉम मिनिस्ट्री के तहत टेलीकाॅम प्रोजेक्ट्स और पब्लिक सेक्टर की कंपनियों के लिए 1.28 लाख करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव किया है. इसमें से अधिकांश राशि सार्वजनिक क्षेत्र की टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के लिए निर्धारित की गई है.

BSNL और MTNL में सरकार फूंकेगी नयी जान

बीएसएनएल और एमटीएनएल से संबंधित खर्चों के लिए कुल प्रस्तावित आवंटन में से 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हैं, जिसमें बीएसएनएल में प्रौद्योगिकी उन्नयन और पुनर्गठन के लिए 82,916 करोड़ रुपये का निवेश भी शामिल है. बजट के अनुसार, बजट अनुमान 2024-25 में इस मांग के लिए कुल शुद्ध आवंटन 1,28,915.43 करोड़ रुपये (1,11,915.43 करोड़ रुपये और 17,000 करोड़ रुपये) है.

Budget 2024: बजट से मोबाइल यूजर्स को लगा झटका, बढ़ेंगे टैरिफ, 5G रोलआउट में हो सकती है देरी

यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड

17,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान ‘यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड’ के तहत उपलब्ध शेष राशि से पूरा किया जाना है और इसका उपयोग टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को मुआवजा, भारतनेट और अनुसंधान एवं विकास जैसी योजनाओं के लिए किया जाएगा. बजट में दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों के पेंशन लाभ के लिए 17,510 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया गया है, जिसमें बीएसएनएल और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) के कर्मचारी भी शामिल हैं. सरकार ने एमटीएनएल बॉन्ड की मूल राशि के भुगतान के लिए 3,668.97 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया है.

पीएलआई योजना के लिए 1,806.34 करोड़ रुपये का प्रावधान

बजट में प्रौद्योगिकी विकास एवं निवेश प्रोत्साहन के लिए 34.46 करोड़ रुपये, चैंपियन सेवा क्षेत्र योजना के लिए 70 करोड़ रुपये तथा उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के लिए 1,806.34 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. आवंटन के अलावा, सरकार ने घरेलू दूरसंचार उपकरण विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बजट 2024-25 में मदरबोर्ड पर आयात शुल्क में पांच प्रतिशत की वृद्धि करने का प्रस्ताव किया है.

Budget 2024: मोबाइल फोन और चार्जर पर लगने वाले कस्टम ड्यूटी घटा, टेलीकॉम टूल्स होंगे महंगे

पीसीबीए (प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली) पर बीसीडी 5 प्रतिशत बढ़ेगी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए मैं निर्दिष्ट दूरसंचार उपकरणों के प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली पर मूल सीमा शुल्क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करती हूं. दूरसंचार पीसीबी निर्माण के लिए मूल सीमा शुल्क में वृद्धि, संचार उपकरणों के विनिर्माण में उपयोग किये जाने वाले महत्वपूर्ण खनिजों को छूट के साथ आती है.

इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए महत्वपूर्ण 25 खनिजों पर सीमा शुल्क से छूट

वित्त मंत्री ने 25 खनिजों जैसे लिथियम, तांबा, कोबाल्ट और दुर्लभ मृदा तत्वों को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट देने का प्रस्ताव किया है. ये खनिज परमाणु ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा, अंतरिक्ष, रक्षा, दूरसंचार और उच्च तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं. इनमें से दो पर मूल सीमा शुल्क कम किया जाएगा. सीतारमण ने कहा, इससे ऐसे खनिजों के प्रसंस्करण और शोधन को बढ़ावा मिलेगा तथा इन रणनीतिक और महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.

Union Budget App: मोबाइल फोन पर सिर्फ एक क्लिक में मिलेगी बजट की हर एक जानकारी, फॉलो करें ये स्टेप्स

Google URL Shortener: बंद हो रही गूगल की यह सर्विस, क्या आप इससे होंगे प्रभावित?

स्थानीय निर्माताओं का समर्थन

पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, जीएक्स ग्रुप के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) परितोष प्रजापति ने कहा, दूरसंचार उपकरणों के लिए पीसीबी असेंबली पर बढ़ी हुई बीसीडी स्थानीय निर्माताओं का समर्थन करती है और दूरसंचार ओईएम (मूल उपकरण निर्माताओं) के लिए लागत कम करती है. यह उद्योग को नयी ऊर्जा और आत्मविश्वास के साथ उत्साहित करेगा. जीएक्स ग्रुप दूरसंचार पीएलआई योजना के लाभार्थियों में से एक है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें