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वैज्ञानिक तरीके से खेती को लेकर कार्यशाला का आयोजन

आज किसानों के पास प्रति परिवार सीमित भूमि एवं प्राकृतिक संसाधनों के कारण नयी कृषि-प्रणाली की आवश्यकता है जो सीमित संसाधनों के समुचित उपयोग से अधिक लाभ दे सके और प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षित भी रखा जा सके.

लिट्टीपाड़ा. कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा समेकित कृषि पद्धति से खेती करने को लेकर प्रशिक्षण का आयोजन नावाडीह पंचायत भवन के सभागार में किया गया. प्रशिक्षण में कृषि विज्ञान केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक डाॅ संजय कुमार ने किसानों को बताया कि आज किसानों के पास प्रति परिवार सीमित भूमि एवं प्राकृतिक संसाधनों तथा उनकी बढ़ती जरूरतों एवं खर्चों के कारण नयी कृषि-प्रणाली की आवश्यकता है जो सीमित संसाधनों के समुचित उपयोग से अधिकाधिक लाभ दे सके और प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षित भी रखा जा सके. कुपोषण, कम आमदनी एवं समुचित शिक्षा के अभाव से जूझ रहे किसानों को अपनी इन जरूरतों को पूरा करने के लिए खेती के कई घटकों जैसे फसल, बागवानी, पशुपालन, कुक्कुट पालन, मत्स्यपालन को एक साथ पूरक रूप से समाहित किया जाए तो कृषक परिवार अपने प्रक्षेत्र के उत्पादन से ही इन सभी समस्याओं का निदान कर सकते हैं. वहीं मृदा वैज्ञानिक डाॅ विनोद कुमार ने बताया कि समन्वित कृषि प्रणाली प्राकृतिक संसाधनों को बचाये रखते हुए अन्य खेती प्रणालियों से ज्यादा आमदनी प्राप्त करने का जरिया है. इसके तहत लागत कम करने के लिए कृषि के एक घटक के अवशिष्टों का उपयोग दूसरे घटक में निवेश के रूप में किया जाता है. समेकित कृषि प्रणाली को अपनाने से आमदनी में 5-10 गुना तक बढ़ोतरी संभव है क्योंकि एक घटक का बेकार पदार्थ या अवशिष्ट दूसरे घटक द्वारा उपयोग कर लागत घटा लिया जाता है. जैसे कि धान के पुआल का उपयोग जानवरों का चारा, मशरूम उत्पादन में किया जाता है तथा इन सभी का उपयोग देशी खाद या कम्पोस्ट बनाने में भी किया जाता है. इस तरह से एक घटक का अवशिष्ट दूसरे घटक के लिए उपादान होता है तथा एक ही पदार्थ का उपयोग विभिन्न रूपों में होने से उसकी उपयोग क्षमता काफी बढ़ जाती है. समन्वित खेती में कार्बनिक खाद व जैविक खादों के उपयोग से रासायनिक खादों के उपयोग में कमी आती है, जिससे मिट्टी स्वस्थ रहती है तथा लम्बी अवधि तक कृषि एवं उपज के लिए टिकाऊ रहती है. प्रशिक्षण में प्रखंड कृषि पदाधिकारी केसी दास, नीतू सिंह, लाइवलीहुड एक्सपर्ट सद्दाम हुसैन सहित कई ग्राम पंचायतों के किसानों ने भाग लिया.

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