रोजी-रोटी की तलाश में यार्ड में ही भर गयी जनसाधारण एक्सप्रेस, आरपीएफ ने उतारा बाढ़ के कारण छिन गया लोगों का रोजगार, घरों से परदेस कमाने के लिए निकले मजदूर यात्री मजदूर यात्रियों ने कहा, बाढ़ से खेत खलियान डूब गये, खाने कमाने के लिए नहीं बचा कुछ प्रतिनिधि, सहरसा कोसी क्षेत्र से एक बार फिर मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है. इस बार धान रोपनी और गेहूं कटनी का समय नहीं बल्कि बाढ़ की विभिषिका का दंश झेल रहे मजदूरों के पलायन का है. माॅनसून शुरू होते ही कोसी क्षेत्र में रहने वाले लोगों के मजदूरों की रोजी-रोटी छिन जाती है. खेत खलिहान चारों ओर पानी में डूब जाते हैं. जीविका का कोई साधन नहीं बचता. पूछने पर मजदूर यात्रियों का कहना था कि चारों ओर पानी ही पानी है. बाढ़ में सभी खेत खलियान डूब गये. प्रदेश में कमाने के अलावा कोई गुजारा नहीं है. ऐसे में दिल्ली और पंजाब के लिए रुख करना मजबूरी बन गयी है. वहीं दिल्ली-पंजाब जाने के लिए भी मजदूर यात्रियों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. बुधवार को सहरसा से अमृतसर के लिए जनसेवा पकड़ने आये मजदूर यात्रियों की भीड़ सहरसा जंक्शन पर खचाखच थी. लेकिन जनसेवा एक्सप्रेस पूर्णिया कोर्ट से सहरसा होकर अमृतसर जाती है. ट्रेन पहले से ही मजदूर यात्रियों से खचाखच भरी थी. जिस वजह से हजारों की संख्या में टिकट लेने के बावजूद मजदूर यात्री इस ट्रेन में नहीं चढ़ सके. इसके बाद अमृतसर के लिए कोई ट्रेन नहीं होने से मजदूर यात्री ने सहरसा से आनंद विहार जाने वाली जनसाधारण एक्सप्रेस में ही अपना कब्जा जमा लिया. हालांकि यह ट्रेन सहरसा जंक्शन से करीब 3 घंटा रिशेड्यूल चलाई जाने की संभावना थी वाशिंग पिट में ही ट्रेन पर मजदूर यात्रियों ने जमा लिया कब्जा बुधवार को 15529 सहरसा आनंद विहार जनसाधारण एक्सप्रेस साप्ताहिक ट्रेन है. हालांकि यह ट्रेन आनंद विहार से सहरसा 6 से 7 घंटा विलंब से पहुंची थी. इसके बाद ट्रेन को वॉशिंग के लिए यार्ड में भेज दिया गया. वॉशिंग में ट्रेन के जाते ही मजदूर यात्रियों ने सभी कोच पर अपना कब्जा कर लिया. जिससे कोच की वॉशिंग में समस्या आ रही थी. जिसके बाद आरपीएफ की टीम ने पहुंचकर कोच को खाली कराया. ढाई घंटा देरी से खुली ट्रेन मजदूर यात्रियों से खचाखच भरी जनसाधारण एक्सप्रेस बुधवार को खबर लिखे जाने तक ढाई घंटा देरी से खुलने की संभावना बतायी गयी. इस ट्रेन को रिशेड्यूल कर चलाया जाना था हर बार मानसून में छिन जाती है रोजगार 15 जून के बाद कोसी क्षेत्र में मानसून दस्तक दे देती है. ऐसे में कोसी नदी में पानी आ जाने से तटबंध किनारे रहने वाले लोगों को प्रशासन द्वारा खाली कराया जाता है. वहीं तटबंध के आसपास खेत खलियान हर बार बाढ़ से डूब जाते हैं. पिछले सप्ताह ही नेपाल में लगातार तेज बारिश से कोसी बराज के सभी 56 फाटक खोल दिए गये थे. जिससे कोसी नदी में अचानक जल स्तर में वृद्धि हुई. कोसी क्षेत्र में यह भी एक सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है. सहरसा से अमृतसर के लिए ट्रेन 14617/18 पूर्णिया कोर्ट सहरसा अमृतसर जनसेवा एक्सप्रेस रोजाना 14603/04 सहरसा अमृतसर जनसाधारण प्रत्येक शुक्रवार 12203/04 सहरसा अमृतसर गरीब रथ सप्ताह में 3 दिन साप्ताहिक 15531/32 सहरसा अमृतसर प्रत्येक रविवार साप्ताहिक ………………………………………………………………….. पटरी से कचरा साफ करने के लिए लिया गया ब्लॉक सहरसा रेलवे ट्रैक को सुरक्षित और मजबूत बनाने के लिए रेल पटरी के किनारे कचरा और गंदगी को साफ किया जा रहा है. बुधवार को सहरसा-मानसी रेलखंड पर सिमरी बख्तियारपुर, सोनबरसा और सहरसा के बीच रेल पटरी से कचरा साफ करने के लिए 60 मिनट का ब्लॉक लिया गया. हालांकि ब्लॉक की वजह से अप और डाउन में कोई भी ट्रेन विलंब नहीं हुई.
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