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उधार के राशन से चल रही मध्याह्न भोजन योजना

इन दिनों प्रखंड के सभी मध्य, प्राथमिक व अभियान विद्यालय में मिड-डे-मील योजना (मध्याह्न भोजन) दम तोड़ती नजर आ रही है.

बारियातू. इन दिनों प्रखंड के सभी मध्य, प्राथमिक व अभियान विद्यालय में मिड-डे-मील योजना (मध्याह्न भोजन) दम तोड़ती नजर आ रही है. आलम यह है कि सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना कुछ स्कूलों में उधार के राशन पर चल रही है. वहीं कुछ स्कूलों में शिक्षक अपने वेतन के पैसे से चला रहे हैं. राशि नहीं मिलने से चावल के अलावे अन्य सामान की खरीदी के लिए समिति के लोगों व शिक्षकों को दुकानदारों की खरी-खोटी सुननी पड़ रही है. ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों की हालत और भी खराब है.

क्या है मामला

प्रखंड के 38 मध्य विद्यालय व 51 प्राथमिक विद्यालय में नामांकित 10,868 छात्र-छात्राओं को मध्याह्न भोजन का लाभ दिया जाता है. विभाग की लापरवाही के कारण उक्त बच्चे मध्याह्न भोजन से वंचित होने की स्थिति में आ गये है. ज्ञात हो कि पहली कक्षा से पांचवीं कक्षा तक प्रति छात्र हर माह 189.70 रुपया (दाल, मसाला व गैस के लिए 141.70 रुपया और अंडा के लिए 48 रुपया) मिलता है. वहीं छठी से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को हर माह प्रति छात्र 260.42 रुपया (दाल, मसाला व गैस के लिए 212.42 रुपया और अंडा के लिए 48 रुपये) मिलता है. यह पैसा अप्रैल माह से नहीं मिला है. वहीं चावल मई माह से नहीं मिला है. शिक्षकों ने कहा कि राशि के अभाव में खाद्य सामग्री खरीदने व भोजन तैयार करने में समस्या उत्पन्न हो रही है. किसी तरह बाजार से उधार का राशन, गैस व अन्य सामग्री लाकर बच्चों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध करा रहे हैं. अब तक चावल का आवंटन भी नहीं मिल पाया है. शिक्षकों, प्रबंधन समिति के लोगों व रसोईयों ने शिक्षा मंत्री बैजनाथ राम, उपायुक्त गरिमा सिंह से इस दिशा में सार्थक पहल की मांग की है.

रसोइयों को छह माह से नहीं मिला मानदेय

मध्याह्न भोजन तैयार करनेवाली रसोइयों को भी छह माह से मानदेय नहीं मिला है. रसोइयां सोनी देवी, रूबी देवी, उषा देवी, अनिता देवी, सोहवा देवी, पुष्पा देवी, ममता देवी, कमल देवी, प्रमिला देवी, कविता देवी, सुशीला देवी व रेखा देवी ने बताया कि वे बच्चों के लिए प्रतिदिन खाना बनाकर परोसती है. इसके लिए विभाग की ओर से हमें मानदेय दिया जाता है, लेकिन पिछले छह माह से मानदेय नहीं मिला है. खाना बनाने व परोसने में पूरा दिन बीत जाता है. मानदेय नहीं मिलने से घर चलाना मुश्किल हो रहा है.

क्या कहते हैं अधिकारी

इस संबंध में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी नागेंद्र सिंह ने बताया कि चावल का आवंटन एक-दो दिन में हो जायेगा. वहीं कुकिंग की राशि व रसोइयों के मानदेय की प्रक्रिया भी लगभग पूरी हो चुकी है. जल्द ही यह राशि प्रबंधन समिति व रसोइयों के खाते में भेज दी जायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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