बारिश नहीं होने से कांडी प्रखंड क्षेत्र के किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं. किसान एक ओर कम बारिश की मार झेल रहे हैं. वहीं किसी तरह अपने निजी सिंचाई के साधन से खेती कर भी रहे हैं, तो नीलगाय व आवारा पशु उनकी फसल बर्बाद कर दे रहे हैं. खेतों में लगी फसल बचाने के लिए उन्हें दिन-रात रखवाली करनी पड़ रही है. इलाके के किसान पूरी रात जागकर नीलगाय से फसलों की रखवाली करते हैं. वर्तमान समय में किसानों ने अरहर, तिल, मक्का, मूंगफली के साथ धान की थोड़ी फसल की रोपाई अपने निजी सिंचाई के साधन से की है. लेकिन अब चुनौती उन फसलों की रखवाली की है.
नीलगाय से फसल बचाना समझ से परे : प्रखंड के राणाडीह गांव निवासी किसान विजय कुमार पांडेय ने कहा कि उन्होंने पांच एकड़ भूमि में अरहर, तिल तथा कुछ में धान की रोपाई की है. बारिश नहीं होने पर तो सिंचाई कर किसी तरह फसल को बचा सकते हैं. पर नीलगाय से फसलों को कैसे बचाया जाये, यह समझ में नहीं आ रहा है. उन्होंने इसके लिए वन विभाग एवं स्थानीय प्रशासन पर कोई मदद न करने का आरोप लगाते हुए रोष व्यक्त किया. कमोबेश इसी तरह का दर्द पूरे प्रखंड के किसानों की बातों से झलकता है.
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