मानव तस्करी गैंग का खुलासा, बच्चे को दिल्ली में बेचने की थी योजना भभुआ सदर. कुदरा बाजार से लगभग 40 दिन पूर्व अपहृत डेढ़ साल के बच्चे को कैमूर पुलिस ने सकुशल बरामद कर लिया है. इस मामले में मानव तस्करी से जुड़ी एक महिला, होटल मालिक समेत सात शातिरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार लोगों में सोनहन थाना क्षेत्र के सैथा गांव निवासी स्व रामाशीष बिंद के बेटे चिंटू प्रसाद, पिंटू कुमार, स्व बैजनाथ सिंह के बेटे शत्रुघ्न पटेल, रामपुर गांव निवासी भानु प्रताप सिंह के बेटे नीतीश कुमार, लक्ष्मण चौबे के बेटे भानु प्रताप चौबे, परमालपुर गांव निवासी जितेंद्र ठाकुर के बेटे मंगरू उर्फ सन्नी और मोहनिया थाना क्षेत्र के डडवा गांव निवासी ललन बिंद की बेटी पूजा कुमारी शामिल हैं. बुधवार को इस मामले का खुलासा करते हुए एसपी ललित मोहन शर्मा ने बताया कि नुआंव थाना क्षेत्र के नुआंव मेला गांव निवासी जितेंद्र कुमार अपने परिवार के साथ कुदरा बाजार के शिवा चौक के पास टेंट लगाकर रहते हैं. वहां अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए पत्थर का सील-लोढ़ा समेत कई सामग्री बनाते हैं. इसी दौरान 14 जून की दोपहर 12 बजे माता-पिता पत्थर के सिल-लोढ़ा समेत अन्य सामग्री बनाने में व्यस्त थे. वहीं पर डेढ़ वर्षीय बच्चा रुद्र कुमार खेल रहा था. इसी दौरान बाइक सवार अपराधियों ने खेल रहे बच्चे का अपहरण कर लिया. इस मामले में बच्चे के पिता जितेंद्र कुमार ने कुदरा थाने में बच्चे की चोरी का केस दर्ज कराया था. इस बीच अपहृत बच्चे का कुदरा पुलिस पता लगाती रही, लेकिन जानकारी नहीं मिल पा रही थी. इस घटना की गंभीरता को देख डीआइजी शाहाबाद ने इस कांड की समीक्षा करते हुए एक टीम का गठन किया गया. टीम की ओर से वैज्ञानिक अनुसंधान किया जा रहा था. इसी क्रम में घटनास्थल से प्राप्त सीसीटीवी फुटेज और टावर डंप का भी उपयोग किया गया, लेकिन टावर डंप की सहायता से अपराधी का पता लगाना मुश्किल हो रहा था. क्योंकि, घटनास्थल के समीप से ही रेलवे लाइन गुजर रही थी. विधि विज्ञान प्रयोगशाला की मदद से पकड़ाये अपराधी इसी बीच गठित टीम ने सीसीटीवी फुटेज में संदिग्ध मिली एक पीली रंग की बाइक की खोजबीन शुरू की गयी. बाइक की खोजबीन और अपराधियों तक पहुंचने के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला पटना की भी मदद ली गयी और जिले के विभिन्न वाहन शो रूम से संदिग्ध बाइक की जानकारी हासिल किये जाने के बाद बच्चे के अपहरण और मानव तस्करी में शामिल शातिर महिला और उसके छह साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया. इनके पास से पांच मोबाइल, घटना के दौरान अपराध कर्मी के पहने कपड़े और घटना में प्रयुक्त पीली रंग की बाइक और एक स्कॉर्पियो को बरामद कर लिया गया. = बच्चे को दिल्ली में बेचने की थी योजना एसपी ने बताया कि अनुसंधान के क्रम में यह बात सामने आयी कि बच्चे का अपहरण करने के बाद और पुलिसिया दबिश के कारण महिला द्वारा दिल्ली ले जाया गया था. वहां महिला ने बच्चे को बेचने के लिए छद्म नाम से बच्चे का आधार कार्ड बनाया था. हालांकि, बच्चे को बेचने से पहले ही महिला सहित अपहरण कांड में शामिल सभी अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया और बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया गया है. क्या कहते हैं एसपी एसपी ने बताया कि गिरफ्तार महिला समेत सभी अपराधी मानव तस्करी गैंग से जुड़े हुए हैं. 14 जून को बच्चे के अपहरण से पहले भी धराये आरोपियों ने घटनास्थल की रेकी की थी और बच्चे का अपहरण करने के लिए धरायी महिला पूजा कुमारी ने चिंटू प्रसाद और शत्रुघ्न पटेल को 20 हजार रुपये भी दिया था. = टीम में शामिल पुलिसकर्मी होंगे सम्मानित डेढ़ साल के बच्चे का अपहरण जैसे जटिल मामले का सफल खुलासा करने पर जिले के डीआइयू और एंटी ह्युमन ट्रैफिकिंग यूनिट के प्रभारी इंस्पेक्टर संजय कुमार रजक की भूमिका को एसपी ने सराहनीय बताया है. बताया कि अपहरण का यह केस कैमूर पुलिस के लिए काफी चुनौतीपूर्ण था, जिसका पुलिस ने काफी सक्रियता से सफल खुलासा किया है. इसको लेकर टीम में शामिल सभी सदस्यों को पुरस्कृत करने के लिए एसपी ने पुलिस मुख्यालय से अनुशंसा की है.
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