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बीआरसी से लौट रहे शिक्षक को पिकअप ने कुचला, गयी जान

गढ़पुरा-बखरी मुख्य पथ के भंसी मध्य विद्यालय के समीप बुधवार को सड़क हादसे में एक शिक्षक की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी.

गढ़पुरा. गढ़पुरा-बखरी मुख्य पथ के भंसी मध्य विद्यालय के समीप बुधवार को सड़क हादसे में एक शिक्षक की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. मृत शिक्षक की पहचान भंसी निवासी दिनेश कर्ण के 40 वर्षीय पुत्र वसंत कर्ण के रूप में की गयी. घटना के संबंध में मृत शिक्षक के पिता ने बताया कि वह विद्यालय कुम्हारसों में कार्यरत था. विद्यालय में छुट्टी के बाद सक्षमता का प्रमाण पत्र लेने के लिए बीआरसी गया था. वहां से लौटने के क्रम में मध्य विद्यालय भंसी के निकट बखरी की तरफ से आ रही पिकअप ने शिक्षक को ठोकर मार दिया. जिससे उनका सिर बुरी तरह फट गया और घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गयी. घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने गढ़पुरा बखरी पथ को जाम कर मुआवजे की मांग एवं दोषी चालक पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे. घटना की सूचना पाकर गढ़पुरा थाना पुअनि प्रवीण कुमार अपने दलबल के साथ घटनास्थल लोगों को काफी समझाने का प्रयास कर रहे थे लेकिन आक्रोशित भीड़ किसी का सुनने को तैयार नही था. इसी बीच पिकअप गाड़ी का खलासी को पुलिस अपने गिरफ्त में लेकर थाना ले जा रही थी तभी बेकाबू भीड़ खलासी को मारने के लिए टूट पड़े लेकिन स्थानीय लोगों ने समझा बुझाकर लोगों को शांत किया फिर पुलिस ने खलासी को थाना ले गई एवं शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बेगूसराय भेज दिया गया. मृतक शिक्षक काफी मिलनसार थे. वे मध्य विद्यालय कुम्हारसों में सहायक शिक्षक के पद पर कार्यरत थे एवं अपने घर पर भी भाभा ज्ञानोदय शिक्षण संस्थान अपने घर पर ही चलाया करते थे. इनके कोचिंग संस्थान से कई बार मैट्रिक बोर्ड में प्रखंड एवं जिला टॉपर आया था. शिक्षक वसंत कर्ण इतने मिलनसार थे जिससे गांव मे उनकी अलग पहचान थी. वसन्त कुमार की पत्नी निभा कुमारी पर अचानक बड़ी जिम्मेदारी आ गई है. उनके छोटे छोटे बच्चे को यकीन ही नही हो रहा है कि मेरे पापा अब नही आएंगे. सात साल का बड़ा पुत्र रौनक, पांच वर्ष की पुत्री नाव्या एवं ढ़ाई वर्ष की छोटी पुत्री विद्या ये सभी बच्चे अभी पिता के स्कूल से आने का इंतजार कर रहे हैं. पत्नी, पिता एवं माँ सभी बेटे के वियोग में रोते रोते वेसुध हो जा रहे हैं. पत्नी निभा देवी कह रही है अब इ बच्चा सब केय की होतै हो भगवान. छोटे बच्चों का पालन पोषण निभा कुमारी ने लिए सबसे बड़ा समस्या बनकर आ गया है. उन्होंने बताया कि मेरे पति कह रहे थे कि कुछ हो न हो लेकिन बच्चों को पढ़ा लिखाकर अच्छा एवं संस्कारी बनाएंगे. उनका यह सपना अधूरा रह गया.

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