कुलपति व रजिस्ट्रार से मिलकर रखा अपना पक्ष, वीसी ने राजभवन को दी जानकारीरांची़ रांची विवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ आशीष झा ने बुधवार को भी परीक्षा विभाग में बैठ कर कामकाज निबटाया, जबकि विवि प्रशासन ने डॉ झा को 24 घंटे के अंदर विवि के आदेश का अनुपालन करते हुए इडीपीसी में बैठने का निर्देश दिया था. डॉ झा ने विवि प्रशासन के उक्त आदेश को भी मानने से इंकार कर दिया. डॉ झा को 24 घंटे का दिया गया अल्टीमेटम बुधवार दिन के 12 बजे ही समाप्त हो गया. परीक्षा नियंत्रक ने विभाग के कर्मचारियों के साथ बैठक करते हुए उन्हें जानकारी दी कि विवि प्रशासन उन पर नियम विरुद्ध कार्रवाई कर प्रताड़ित करने का काम कर रहा है. इसके बाद डॉ झा सभी कर्मचारियों को साथ लेकर रजिस्ट्रार बिनोद नारायण से मिले. कर्मचारियों ने रजिस्ट्रार से कहा कि हाल के इस प्रकरण का निदान शीघ्र निकलना चाहिए. डिग्री हस्ताक्षर सहित अन्य फाइल का कार्य फंस गया है. तकनीकी रूप से किनसे हस्ताक्षर कराया जाये, यह समझ में नहीं आ रहा है. कर्मचारियों की बातें सुनने के बाद रजिस्ट्रार ने कहा कि वे तीन दिन की छुट्टी में थे. वह उनकी भावनाओं से कुलपति को अवगत करा देंगे.
डॉ झा ने रजिस्ट्रार को दी लिखित जानकारी
इधर परीक्षा नियंत्रक झा ने रजिस्ट्रार को छह पेज में लिखित रूप से जानकारी दी है कि वे विवि प्रशासन का आदेश का पालन क्यों नहीं कर पा रहे हैं. डॉ झा ने रजिस्ट्रार से कहा कि विवि द्वारा गठित जांच कमेटी के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. साथ ही अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कब जांच कमेटी आयी और उन्होंने उसे सहयोग नहीं किया है. इसके अलावा उन्होंने लिखा है कि परीक्षा नियंत्रक से संबंधित उनका मामला फिलहाल उच्च न्यायालय में लंबित है. मामला सब ज्यूडिस रहने के बाद भी विवि प्रशासन उन्हें परीक्षा विभाग के कार्य से हटाने का कार्य कर रही है. उन्होंने यह भी लिखा है कि जेपीएससी की अनुशंसा व दिशा निर्देश के आधार पर वह परीक्षा नियंत्रक का कार्य 20 माह से अधिक समय से सुचारू रूप से संचालित कर रहे हैं. ऐसे में अचानक ओएसडी की नियुक्ति कर उन्हें परीक्षा कार्य से क्यों मुक्त किया जा रहा है.कुलपति से मिलकर रखा अपना पक्ष
इधर रजिस्ट्रार को पत्र देने के बाद डॉ झा अपराह्न में सभी कर्मचारियों के साथ कुलपति से भी मिलने पहुंचे. लेकिन एक भी कर्मचारी कुलपति चेंबर में नहीं घुसे. डॉ झा अकेले कुलपति के पास गये व अपना पक्ष रखने के बाद चेंबर से चुपचाप बाहर निकल कर बिना किसी से मिले चले गये. जबकि कर्मचारी बाहर बैठ कर परीक्षा नियंत्रक का इंतजार करते रहे. इधर कुलपति ने पूरे मामले की जानकारी राजभवन को दी है व विवि अधिकारियों के साथ बैठक कर नियमसम्मत आगे की कार्रवाई पर चर्चा की.क्या हो सकता है
नियमानुसार विवि का आदेश नहीं मानने पर विवि प्रशासन द्वारा परीक्षा नियंत्रक के विरुद्ध निलंबन तक की कार्रवाई की जा सकती है. शाम में विवि परिसर में इसकी चर्चा भी थी, लेकिन आधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है