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मैठी ग्रिड बनने से एसकेएमसीएच का घटेगा लोड

मैठी ग्रिड बनने से एसकेएमसीएच का घटेगा लोड

-पांच प्रखंडों के लोगों को बिजली की समस्या नहीं होगी -सीतामढ़ी व दरभंगा के ग्रामीण इलाकों में मिलेगा लाभ – मुशहरी सुपर ग्रिड व एसकेएमसीएच ग्रिड डबल सर्किट के लिए 36 किमी की नयी ट्रांसमिशन लाइन बनेगी मुजफ्फरपुर. मैठी में नये ग्रिड बनने से जिले के पांच प्रखंड बोचहां, कटरा, गायघाट, बंदरा व औराई के लोगों को लाभ मिलेगा. साथ ही मुजफ्फरपुर जिला से सटे सीतामढ़ी व दरभंगा के पास के क्षेत्र भी लाभन्वित होंगे. नये ग्रिड की क्षमता 150 मेगावाट होगी. वहीं मुजफ्फरपुर के आधे शहर को बिजली आपूर्ति करने वाले एसकेएमसीएच ग्रिड का लोड करीब घटकर आधा हो जायेगा. इसकी वजह से शहर व ग्रामीण क्षेत्र के इलाकों में क्वालिटी बिजली की सप्लाई हो सकेगी. ग्रिड से पावर सब स्टेशन के लाइन की दूरी लंबी होने पर बिजली लॉस होता है. ग्रिड नजदीक होने पर क्वालिटी वोल्टेज के साथ बिजली आपूर्ति होगी. वहीं लाइन की दूरी घटने पर उसके मेंटेनेंस में भी आसानी होती है. अभी मेडिकल ग्रिड से पूर्वी क्षेत्र में कई पीएसएस की दूरी अधिक है, सभी पीएसएस की सेपरेट लाइन नहीं व एक पीएसएस से दूसरे पीएसएस टैप करके चल रही है. ऐसे में एक 33 केवीए लाइन में फॉल्ट होने पर उससे जुड़े दूसरे पावर सब स्टेशन की बिजली आपूर्ति बाधित होती है. लेकिन इस ग्रिड के बनने के बाद ये सभी परेशानी दूर होगी. मुजफ्फरपुर जिला के पांच प्रखंड के दस पावर सब स्टेशन से जुड़े ग्रामीण इलाके के उपभोक्ताओं को फायदा होगा. नये ग्रिड के प्रस्ताव को लेकर जितनी सरकारी जमीन उपलब्ध है, उसमें कुछ एकड़ जमीन की और आवश्यकता है, इसको लेकर बिजली कंपनी के अधिकारी, स्थानीय सीओ के साथ मिलकर वहां के ग्रामीणों से जमीन अधिकग्रहण को लेकर आगे की कार्रवाई कर रहे है. —— शहर व ग्रामीण दोनों क्षेत्र को होगा फायदा इस सीजन में एसकेएमसीएच ग्रिड का लोड 120 मेेगावाट के करीब पहुंच गया, जो उस ग्रिड की अधिकतम आपूर्ति क्षमता के निकट है. वर्तमान में एसकेएमसीएच में नये 33 केवीए लाइन बनाने की जगह नहीं है, ऐसे में मैठी ग्रिड बनने के बाद एसकेएमसीएच का भार कम होगा. 10 ग्रामीण क्षेत्र के पावर सब स्टेशन की लाइन शिफ्ट होगी. वर्तमान में 16 पीएसएस को एसकेएमसीएच ग्रिड से बिजली मिल रही है. इसलिए, मैठी में नए 132/33 केवी ग्रिड का निर्माण आवश्यक है. इससे उक्त क्षेत्र में बिजली की गुणवत्ता (विभिन्न स्तरों पर वोल्टेज) में सुधार होगा. वहीं भविष्य में इस क्षेत्र की बढ़ती लोड मांग को पूरा करने में सक्षम होंगे. वहीं मुशहरी सुपर ग्रिड से मेडिकल ग्रिड का डबल सर्किट ट्रांसमिशन लाइन लियो व्यवस्था के जुड़ेगा, इसके लिए 36 किमी की ट्रासंमिशन लाइन का निर्माण होगा.

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