कोलकाता. महानगर की एक गृहिणी की एक बड़े एड्रेनल ट्यूमर को हटाने के लिए सफलतापूर्वक लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की गयी. मरीज को पेट में हल्का दर्द हो रहा था, जिस कारण प्रारंभिक अल्ट्रासाउंड स्कैन में लीवर ट्यूमर का पता चला. हालांकि, बाद में सीटी स्कैन से पता चला कि दायें एड्रेनल ग्रंथि से निकलने वाला एक बड़ा ट्यूमर है, जो सामान्य एड्रेनल ग्रंथि के आकार लगभग तीन सेमी की तुलना में काफी बड़ा है.
आमतौर पर एड्रेनल ग्रंथि के ट्यूमर चार-पांच सेमी के होते हैं. कई तरह के टेस्ट कराने के बाद मरीज को ट्यूमर हटाने के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी करवाने की सलाह दी गयी. इस न्यूनतम इनवेसिव सर्जिकल तकनीक को तेजी से ठीक होने और पोस्टऑपरेटिव जटिलताओं को कम करने के लिए चुना गया था. डॉ संजय मंडल के नेतृत्व में सर्जिकल टीम ने प्रक्रिया को सटीकता और विशेषज्ञता के साथ अंजाम दिया.
डॉ संजय मंडल ने कहा कि लेप्रोस्कोपिक सर्जरी, जिसे कीहोल सर्जरी के रूप में भी जाना जाता है, में छोटे चीरे लगाये जाते हैं, जिसके माध्यम से ऑपरेशन करने के लिए विशेष उपकरण और एक कैमरा डाला जाता है.
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