अररिया. व्यवहार न्यायालय अररिया के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी गजेंद्र कुमार चौरसिया की अदालत ने 16 वर्ष पूर्व एक दहेज उत्पीड़न का मामला प्रमाणित होने पर जिले के सिमराहा थाना क्षेत्र के खवासपुर के रहने वाले पवन भगत पिता दिलीप भगत को भादवि की धारा 498 ए के तहत दो वर्ष की साधारण कारावास की सजा सुनायी है. आरोपित पति को कारावास की सजा के अलावा एक हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है. वहीं जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर आरोपित पति को चार माह का अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतने का आदेश जारी किया गया है. यह सजा जीआर 818/2008 में सुनाया गया है. सरकार की ओर से अभियोजन पदाधिकारी (एसडीपीओ) राजेश कुमार राम ने बताया कि घटना 12 मार्च 2008 की है. आरोपित पति पवन भगत ने अपनी पत्नी आरती देवी पिता श्यामलाल विश्वास को दहेज में 50 हजार रुपये नहीं देने पर मारपीट कर प्रताड़ित कर घर से निकाल दिया था. घटना को लेकर पीड़िता ने पति सहित ससुराल वालों के खिलाफ सिमराहा थाना में आवेदन दिया था. जहां फारबिसगंज (सिमराहा) थाना कांड संख्या 190/08 दिनांक 16 अप्रैल 2008 दर्ज किया गया था. इस मामले में केस के अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारी के द्वारा जांचोपरांत सिर्फ व सिर्फ एकमात्र आरोपित पति पवन भगत के विरुद्ध न्यायालय में 30 अक्तूबर 2008 को ही चार्जशीट जमा किया. इसके बाद न्यायाधीश ने आरोपी के विरुद्ध 18 नवंबर 2009 को धारा 498 ए के तहत संज्ञान लिया. तत्पश्चात आरोपी के विरुद्ध 17 दिसंबर 2013 को आरोप गठन (चार्जफ्रेम) किया गया. इस मामले में आरोप गठन (चार्जफ्रेम) के पश्चात अभियोजन की ओर से प्रस्तुत सभी गवाहों ने घटना का समर्थन किया. गवाहों के बयान से संतुष्ट होकर न्यायालय के न्यायाधीश श्री चौरसिया ने आरोपी को दोषी करार दिया. बचाव पक्ष से अधिवक्ता शेखर भारती व शैलेश भारती ने कम से कम सजा देने की गुहार लगायी.
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