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अमर सुहाग के लिए नवविवाहिताओं ने शुरू किया मधुश्रावणी का व्रत

मिथिला की नवविवाहिताओं ने गुरुवार से मधुश्रावणी व्रत का शुभारंभ किया. यह सात अगस्त तक चलेगा. परंपरा के अनुसार नवविवाहिताओं ने हरी साड़ी व हरी चूड़ी धारण किया.

मिथिला की नवविवाहिताओं ने गुरुवार से मधुश्रावणी व्रत का शुभारंभ किया. यह सात अगस्त तक चलेगा. परंपरा के अनुसार नवविवाहिताओं ने हरी साड़ी व हरी चूड़ी धारण किया. इसके बाद पहले दिन का व्रत पूजन किया. बरारी के वरिष्ठ रंगकर्मी विजय झा गांधी की पुत्रवधु स्वाति सन्नी झा ने मधुश्रावणी का व्रत रखा. मान्यता के अनुसार माता गौरी और महादेव की कथा का व्रत के दौरान 14 दिनों तक कथा वाचन किया जाता है. यहां कथा वाचन बिजली देवी कर रही हैं. पूजन में जूही झा, काजल झा, शबनम देवी, किरण देवी, सपना झा आदि शामिल हो रही हैं. पूजन स्थल पर मैनी (पुरइन, कमल का पत्ता) के पत्ते पर विभिन्न प्रकार की आकृतियां बनायी गयीं. महादेव, गौरी, नाग-नागिन की प्रतिमा स्थापित कर एवं विभिन्न प्रकार के नैवेद्य चढ़ा कर पूजन प्रारंभ की. एक नैवेद्य भाई के लिए भी लगाया जाता है. पूजा के बाद भाई द्वारा हाथ पकड़ कर कथा सुन रही बहन को उठाया जाता है. इसके बाद वह नैवेद्य भाई को दिया जाता है. प्रत्येक दिन अलग-अलग कथाओं में मैना पंचमी, विषहरी, बिहुला, मनसा, मंगला गौरी, पृथ्वी जन्म, समुद्र मंथन, सती की कथा व्रती को सुनायी जायेगी. प्रात:काल की पूजा में गोसांई गीत एवं पावनी गीत गायी जाती है, तो संध्या काल की पूजा में कोहबर तथा संझौती गीत गायी जाती है.

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