चकिया.स्थानीय घंघटी वार्ड नंबर पांच ब्रह्म स्थान स्थित आश्रम परिसर में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के द्वारा गुरु पूजा महोत्सव का आयोजन भव्य तरीके से मनाया गया, जिसमें आशुतोष महाराज के शिष्य चंदन कुमार ने इतिहास में गुरु भक्ति के विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब भी किसी महान तेजस्वी भक्त को इतिहास में याद किया तब उनके सर पर किसी महान पूर्ण गुरु की कृपा का हस्त अवश्य रहा है. जिसकी बदौलत वह भक्त महान बना और इतिहास में अपना नाम दर्ज करवाया. उदाहरण स्वरूप स्वामी विवेकानंद जो कि रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे.उन्होने नरेंद्र से स्वामी विवेकानंद बनने का सफर कठोर तपस्या से अपने आप को सिद्ध कर पूरा किया. अपने तप, त्याग ,वैराग्य और सदाचार से गुरु के समक्ष अपने आप को प्रस्तुत किया. जिसके बाद वो गुरुदेव की कृपा से सराबोर हुए और इतिहास में अपना नाम दर्ज करवाया. हमें भी ऐसे पूर्ण गुरु की आवश्यकता है. मंच पर साध्वी महामाया भारती, सरिता भारती, प्रीति भारती, पवन कुमार द्वारा गाए गए भजनों ने उपस्थित श्रद्धालुओं को झूमने पर विवश कर दिया. इस कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्थान के रामायोध्या सिंह, डॉ अशोक जी, गया प्रसाद, श्याम जी, राकेश जी, बृजकिशोर प्रसाद सहित अन्य भक्तों का महत्वपूर्ण योगदान रहा.
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