दरभंगा. संस्कृत विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर के सभी विभागों में आचार्य कक्षा के सत्र 2024-25 में नव नामांकित छात्रों के लिए गुरुवार को समेकित रूप में दरबार हॉल में परिचयात्मक सह उद्बोधन सत्र का आयोजन किया गया. इस सत्र में छात्रों से प्रत्यक्ष संवाद हुआ और उन्हें भविष्य के लिए बौद्धिक व मानसिक रूप से तैयार किया गया. अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. पांडेय ने कहा कि संस्कृत के विकास व इसकी व्यापकता बढ़ाने के लिए देश के अन्य क्षेत्रों की तरह यहां भी मिथिला संस्कृत बैंड की शुरुआत की जाएगी. इससे एक नए तरीके से नए माहौल में बैंड के सदस्य समाज में जाएंगे और संस्कृत का अलख जगायेंगे. इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गयी है. कहा कि छात्रों के व्यक्तित्व निर्माण के लिए छात्र परामर्श केंद्र का है, जिसका लाभ बच्चों को लेना चाहिए. विश्वविद्यालय के समस्त पदाधिकारी व अध्यापकगण आपके सहयोग के लिए हैं. इनका उपयोग छात्रों द्वारा नहीं किया गया, तो यह हम सभी के लिए चिंताजनक होगा. छात्रों की उपस्थिति की बाबत कुलपति काफी सख्त दिखे. कहा कि हरहाल में बच्चों की कक्षा में उपस्थिति अनिवार्य रहेगी. यह जानकारी पीआरओ निशिकांत ने दी है. प्रतिकुलपति प्रो. सिद्धार्थ शंकर सिंह, स्नातकोत्तर प्रभारी प्रो. सुरेश्वर झा, डीएसडब्ल्यू डॉ शिवलोचन झा के अलावा सभी विभागाध्यक्षों ने अपने-अपने उद्गार व्यक्त किए. तकनीकी सहयोग सूचना वैज्ञानिक डॉ नरोत्तम मिश्रा ने किया. डॉ यदुवीर स्वरूप शास्त्री के संचालन में सम्पन्न कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव प्रो. ब्रजेशपति त्रिपाठी ने किया.
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