बरहेट. जिले के बरहेट प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों किसान मनमाने कीमत पर खाद क्रय करने को विवश हैं. यहां खाद दुकानदार बिना रसीद के धड़ल्ले से बिक्री कर कर रहे हैं. मानसून के आगमन के साथ शुरू हुई धनरोपनी के बाद अब किसान अच्छी पैदावार के लिए खेतों में खाद एवं कीटनाशकों का प्रयोग करेंगे. इसे लेकर खाद दुकानों में किसानों की भीड़ भी दिखनी शुरू हो गयी है. इसका फायदा खाद दुकानदार उठा रहे हैं. वे बिना रसीद के मनमाने कीमतों में धान, मक्का, अरहर, मूंग, मड़ुआ के बीज, रसायनिक खाद व कीटनाशक दवा की बिक्री कर रहे हैं. इससे किसान खासा परेशान हैं. इन किसानों को नैनो यूरिया का लाभ भी दिया जाता है. अगर नैनो यूरिया खाद का छिड़काव खेतों में करने से कोई परिवर्तन नहीं आता है, तो उन्हें विभाग द्वारा सहायता राशि दी जाती है, लेकिन दुकानदार इसकी जानकारी भी किसानों को नहीं दे रहे हैं. बरहेट बाजार में कई ऐसी खाद दुकानें हैं, जहां इ-पॉश मशीन तो है, लेकिन लाभ कमाने के चक्कर में दुकानदार रसीद नहीं काट रहा है. विभाग को खुलेआम ठेंगा दिखाकर कारोबार कर रहा है. इससे विभाग की कार्यशैली पर भी प्रश्न चिह्न लग रहा है. किसान लखी पंडित, जगरनाथ साह, अशोक ठाकुर, अजय ठाकुर ने बताया कि हमें सरकारी मूल्य पर उपलब्ध कराये जा रहे खाद की सही जानकारी नहीं है. न ही हमें जागरूक किया जा रहा है. इससे हमसभी मनमानी कीमतों पर खरीदने को विवश हैं. बताते चलें कि किसान बाजार में नकली खाद बेचे जाने को लेकर भी आशंकित हैं, क्योंकि खाद की पैकेट खोलते ही उसका रंग फीका रहता है. यहां कई खाद दुकानदारों के पास बीज, खाद व कीटनाशक की बिक्री का लाइसेंस तक नहीं है. विभाग द्वारा समय-समय पर निरीक्षण नहीं होता है, जिसके कारण उच्च कीमतों में बिक रही खाद पर लगाम नहीं लग रही है. इससे किसान त्रस्त हैं. कारोबारी मस्त हैं. क्या कहते हैं पदाधिकारी सभी खाद दुकानों के पास लाइसेंस होना जरूरी है. बरहेट में उच्च कीमतों में मिल रही खाद की जानकारी नहीं है. अगर ऐसा है, तो ऐसे दुकानों को चिह्नित कर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. किसी भी हाल में कालाबाजारी या किसानों के साथ मनमानी नहीं होने दी जायेगी. किसान खाद खरीदते समय दुकानदार से रसीद अवश्य लें. प्रमोद एक्का, जिला कृषि पदाधिकारी
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