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New Scrap Policy : 15 साल पुरानी 29,083 गाड़ियों का फेल हो जायेगा रजिस्ट्रेशन

पांच साल के लिए री-रजिस्ट्रेशन करा बचा सकते हैं अपने वाहन, जून माह में 288 व्यावसायिक व 2117 निजी वाहनों के रजिस्ट्रेशन फेल हुए

धनबाद जिले में 29,083 वाहनों का रजिस्ट्रेशन इस वर्ष फेल हो जायेगा. इनमें 3278 व्यावसायिक व 25,805 निजी वाहन हैं. जून माह में 288 व्यावसायिक व 2117 निजी वाहनों के रजिस्ट्रेशन फेल हो गये. वहीं जुलाई में 300 व्यावसायिक व 2290 निजी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन फेल हो जायेंगे. सरकार की कबाड़ नीति के तहत 15 साल पुरानी गाड़ियों को सड़क पर चलाने की इजाजत नहीं है. उन्हें स्क्रैप करना है. 15 साल पुराने वाहन सड़क पर चलते हैं, तो उन्हें जब्त कर लिया जायेगा. इसका उद्देश्य प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों की संख्या कम करना है. हालांकि जिन वाहनों का रजिस्ट्रेशन फेल होगा, उनके मालिकों को 5 साल के लिए री-रजिस्ट्रेशन कराने का विकल्प दिया जाएगा. इसके लिए पुराने वाहनों की स्थिति और उसके प्रदूषण स्तर की जांच की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वाहन मानकों के अनुरूप हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इस निर्णय से न केवल प्रदूषण में कमी आयेगी, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आयेगी.

गाड़ियों को स्क्रैप करने के फायदे

पुराने वाहनों को स्क्रैप करवाने पर उस समय के मूल्य का चार से छह प्रतिशत वाहन मालिक को मिलेगा. स्क्रैप सर्टिफिकेट दिखाकर नया वाहन लेने पर कुल कीमत का पांच प्रतिशत छूट मिलेगी. नया वाहन खरीदने वाले को रजिस्ट्रेशन फी भी नहीं देना होगा.

रोड टैक्स पर निजी वाहनों को 25 प्रतिशत और व्यावसायिक वाहनों को 15 प्रतिशत छूट मिलेगी.

गाड़ियों के री-रजिस्ट्रेशन का नियम

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा पुरानी गाड़ियों के री- रजिस्ट्रेशन को लेकर भी नियम बनाया गया है. पहले प्राइवेट गाड़ियों के री-रजिस्ट्रेशन के लिए 1000 रुपये देना पड़ता था. इसे बढ़ाकर अब 5000 रुपये कर दिया गया है. इसी तरह प्राइवेट बाइक का रजिस्ट्रेशन फीस 300 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया गया है. विदेशी गाड़ियों का री-रजिस्ट्रेशन के लिए पहले 15,000 रुपये लिया जाता था, जिसे बढ़ाकर अब 40,000 रुपये कर दिया गया है.

गाड़ियों का फिटनेस सर्टिफिकेट लेना जरूरी

नियमों के अनुसार गाड़ियों का री- रजिस्ट्रेशन कराने से पहले सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एटीएस से फिटनेस सर्टिफिकेट लेकर आरटीओ में जमा कराना होगा. उसके बाद आरटीओ पांच साल के लिए लाइसेंस जारी करेगा. इसके लिए गाड़ी को एटीएस सेंटर पर लेकर जाना होगा और फिर मैकनिकल इक्यूपमेंट के साथ फिटनेस सर्टिफिकेट बनेगा. एटीएस सेंटर पर आपकी गाड़ी का फिटनेस सर्टिफिकेट लेने का मौका सिर्फ दो ही बार मिलेगा. अगर दो बार में फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं बन पाता है, तो गाड़ियों का री- रजिस्ट्रेशन नहीं हो पायेगा.

इस साल फेल हो जायेगा इन वाहनों का रजिस्ट्रेशन

निजी वाहन : बाइक 21,822, कार 3976, ओमनी बस 3, तीन पहिया (निजी) 4.

व्यावसायिक वाहन : एम्बुलेंस 01, बस 61, कंस्ट्रक्शन व्हीकल 24, माल ढोने वाली गाड़ी 1244, मैक्सी कैब 23, मोटर कैब 284, तीन पहिया (मालगाड़ी) 299, तीन पहिया (पैसेंजर) 924, ट्रैक्टर 203, ट्रैक्टर ट्रॉली 59, ट्रेलर 154.

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