11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Mamata Banerjee : हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने कहा, ममता बनर्जी राज्यपाल पर कर सकती हैं टिप्पणी लेकिन..

Mamata Banerjee : भारत के प्रत्येक नागरिक को बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है, जिसका गला नहीं घोंटा जा सकता है.हालांकि, पीठ ने कहा कि यह स्वतंत्रता उचित प्रतिबंधों के अधीन है.अदालत ने कहा कि हर व्यक्ति को सच्चाई जानने और सच्चाई सामने लाने का अधिकार है.

Mamata Banerjee : कलकता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को निर्देश दिया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) राज्य के राज्यपाल सी वी आनंद बोस के बारे में बयान दे सकती हैं, बशर्ते वे कानून के अनुरूप हों.ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस नेता कुणाल घोष ने एकल पीठ के अंतरिम आदेश को चुनौती देते हुए खंडपीठ के समक्ष अपील दायर की, जिसमें बनर्जी और तीन अन्य को बोस के खिलाफ कोई अपमानजनक या गलत बयान नहीं देने का निर्देश दिया गया था.एकल पीठ के आदेश को संशोधित करते हुए न्यायमूर्ति आई पी मुखर्जी और न्यायमूर्ति बिस्वरूप चौधरी की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि बनर्जी और घोष राज्यपाल के संबंध में बयान देने के लिए स्वतंत्र होंगे, बशर्ते वे देश के कानून के अनुरूप हों और मानहानिकारक न हों.

खंडपीठ ने कहा, किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा उसके लिए मायने रखती है

बोस द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे पर न्यायमूर्ति कृष्ण राव की एकल पीठ ने 14 अगस्त तक लागू अंतरिम आदेश में बनर्जी, घोष और टीएमसी के दो नवनिर्वाचित विधायकों को राज्यपाल के खिलाफ कोई अपमानजनक या गलत बयान नहीं देने का निर्देश दिया था. खंडपीठ ने कहा कि किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा उसके लिए काफी मायने रखती है और कानून उसे इसकी रक्षा करने की शक्ति देता है. दूसरी ओर, भारत के प्रत्येक नागरिक को बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है, जिसका गला नहीं घोंटा जा सकता है.हालांकि, पीठ ने कहा कि यह स्वतंत्रता उचित प्रतिबंधों के अधीन है.अदालत ने कहा कि हर व्यक्ति को सच्चाई जानने और सच्चाई सामने लाने का अधिकार है. हालांकि, इसे औचित्य की कसौटी पर खरा उतरना चाहिए.

Read Also : Mamata Banerjee : ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक में होंगी शामिल, सीएम ने कहा भाजपा नेता बंगाल को..

ममता बनर्जी ने जनता के हित में टिप्पणी की : सीएम

मुख्यमंत्री के वकील ने कहा कि ममता बनर्जी ने जनता के हित में टिप्पणी की है. राज्यपाल की ओर से दायर मानहानि मामले में एकल पीठ ने आरोपों के पक्ष में बिना किसी सबूत के अंतरिम आदेश पारित कर दिया. उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल को संबोधित मुख्यमंत्री की कोई भी टिप्पणी अपमानजनक नहीं थी. फिलहाल, डिवीजन बेंच ने मामले को वापस सिंगल बेंच के पास भेज दिया है.

राज्य को झटका, सीबीआइ ही करेगी संदेशखाली की जांच

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें