बैसा. पहले असमय लगातार हुई बारिश के कारण प्रखंड क्षेत्र में किसानों को मक्के की फसल तैयार करने में परेशानी हुई. उसके बाद आई बाढ़ ने भी लोगों को परेशान किया. अब कड़ी धूप के कारण धान की फसल सूखकर बर्बाद हो रही है. किसान गड्ढा बोरिंग व अन्य स्रोतों से धान की पटवन कर रहे हैं. लेकिन तेज धूप के कारण एक से दो दिन मे पटवन का पानी सूख जाता है. वहीं पिछले 10-15 दिनों से चिलचिलाती धूप के कारण धान की फसल भी सूख रही है. किसान संजीर आलम, राहिल, मो फारूक, रहमान, सफीक आदि का कहना है कि वर्षा के अभाव में धान का बिचड़ा भी सूखता जा रहा है. पहले हुई बारिश और बाढ़ के कारण से खेतों में लगी मूंग व पाट फसल बर्बाद हो गई थी. अब इस चिलचिलाती धूप में धान की फसल सूख रही है. कम वर्षों से सशंकित किसान धान की रोपाई को लेकर काफी चिंतित हैं. किसानों की मानें तो पटवन कर धान की फसल बेहद महंगी पड़ रही है. समाजसेवी हाजी नाहिद गनी ने मांग की है कि सरकार को बिजली चालित पंपसेट के सहारे पटवन की व्यवस्था करनी चाहिए. फोटो – 26 पूर्णिया 34- पम्पसेट के सहारे सिंचाई करते
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