भगवानपुर. शुक्रवार की दोपहर अंचल कार्यालय में परिमार्जन बनवाने पहुंचे सरैयां पंचायत के मुखिया उमेश दुबे तथा राजस्व कर्मचारी के बीच धक्का-मुक्की होने का मामला प्रकाश में आया है. इससे नाराज अंचल कर्मियों ने काम-काज करना बंद कर दिया. इस दौरान अंचल क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से संबंधित कार्य के लिए पहुंचे लोगों को काफी परेशानी के दौर से गुजरना पड़ा. घटना के संबंध में पता चला है कि पंचायत के मुखिया उमेश दुबे उर्फ मंटू दूबे अपने पंचायत अंतर्गत उमापुर गांव निवासी उपेंद्र दुबे का परिमार्जन बनवाने के लिए अंचल कार्यालय पहुंचे थे, तब अंचलाधिकारी अपर्णा कुमारी जिला मुख्यालय की एक खास मीटिंग में व्यस्त रहने की वजह से अंचल में उपस्थित नहीं थीं. इस दौरान सरैयां पंचायत के राजस्व कर्मी अनिल कुमार को अंचल कार्यालय में उपस्थित नहीं देख मुखिया उमेश दुबे ने राजस्व कर्मी को फोन किया, मगर सामने से कोई रिस्पांस नहीं आया. इस पर मुखिया भड़क गये. बताया जाता है कि जब पंचायत के मुखिया ने राजस्व कर्मी को फोन लगाया था, तब वह अभिलेखागार में परिमार्जन से संबंधित दस्तावेजों की खोजबीन कर रहे थे. इस बीच वह अपना विभागीय का निबटाने के बाद जैसे ही अंचल कार्यालय में पहुंचे, वैसे ही मुखिया ने उनसे पूछा कि आपको बार-बार फोन करने पर क्यूं नहीं उठा रहे हैं. बस बात यहीं से बढ़ गयी और मामला तूल पकड़ते हुए धक्का-मुक्की और हाथापाई तक पहुंच गयी, इसके बाद अंचल के नाराज सभी कर्मियों ने अपने-अपने कामकाज करना बंद कर दिया. इस बीच कई कर्मी अंचल के लिपिक कार्यालय में पहुंचकर मुखिया के प्रति नाराजगी व्यक्त करते दिखे, तो वहीं कई राजस्व कर्मी अभिलेखागार के कार्यालय में पहुंचकर इस बिंदु पर आपस में चर्चा करते देखे गये. इधर, संबंधित पंचायतों के कई प्रार्थी अपने-अपने राजस्व कर्मियों के कुछ भी करने के लिए इधर-उधर भटकते व पूछताछ करते देखे गये. दोपहर के करीब तीन बजे जिला मुख्यालय से अंचलाधिकारी अर्पणा कुमारी खुद के अंचल कार्यालय से गुजरते हुए अभिलेखागार भवन में पहुंची, जहां पर उपस्थित राजस्व कर्मी अनिल कुमार व उनके पक्ष में खड़े अन्य कई पंचायतों के राजस्व कर्मियों ने इस घटना की बिंदुवार जानकारी उन्हें दी. इधर, मोकरम पंचायत के मुखिया अमरेंद्र कुमार सिंह उर्फ चट्टान सिंह, भगवानपुर पंचायत के मुखिया उपेंद्र पांडेय, पढ़ौती पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मंटू शुक्ला, कसेर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि फिरोज कुमार सुमन व प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि रामकेश्वर सिंह भी अभिलेखागार में पहुंचकर मामले की रफा-दफा हेतु मध्यस्थता करना शुरू कर दिया. इस बीच थानाध्यक्ष को भी इस मामले में आमंत्रित कर मामले का निबटारा कराने की कोशिश की गयी, इस तरह से काफी देर तक चले माथापच्ची के बाद दोनों पक्षों को बुलाकर मामले को रफा-दफा कर दिया गया. – कहते हैं राजस्व कर्मचारी राजस्व कर्मचारी अनिल कुमार ने बताया कि मैं अभिलेखागार में काफी व्यस्त होने की वजह से मुखिया का फोन नहीं उठा सका, मैं जब अपना काम निपटाने के बाद अंचल कार्यालय में पहुंचा, तो फोन नहीं उठाने का आरोप लगाकर मुखिया तथा उनके पीछे खड़े लोगों द्वारा मेरे साथ अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए धक्का-मुक्की की गयी. — कहते हैं मुखिया इधर, मुखिया उमेश दुबे ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मैंने जब राजस्व कर्मी से यह पूछा कि अपने फोन क्यों नहीं उठाया, तो सामने से जवाब आया कि क्यूं आप कोई भगवान हैं, जो मैं आपका फोन उठा लूं. उन्होंने खुद पर राजस्व कर्मी द्वारा लगाये गये आरोप को निराधार व बेबुनियाद बताया. साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने नहीं बल्कि मेरे पीछे खड़े उमापुर गांव निवासी उपेंद्र दुबे के लड़के ने राजस्व कर्मी को धक्का दिया था. बोलीं सीओ– इस संबंध में पूछे जाने पर अंचलाधिकारी अपर्णा कुमारी ने बताया कि विभिन्न पंचायतों से जुटे जनप्रतिनिधियों व हमारे कर्मियों की सहमति से इस मामले का निष्पादन कर दिया गया है. साथ ही दोनों पक्षों को आपस में मिलकर जनहित में कार्य करने की नसीहत दी गयी.
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