औरंगाबाद/कुटुंबा. झारखंड की बारिश से पलामू जिले के मोहम्मदगंज स्थित भीम बराज पानी से लबालब भर गया है. फिलहाल जल संसाधन विभाग को उत्तर कोयल नहर संचालन करने में दिक्कत नहीं हो रही है. शुक्रवार की सुबह उक्त बराज से राइट साइड कैनाल में 1715 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इसमें तकरीबन 715 क्यूसेक पानी झारखंड में खपत हो रहा है. वहीं बिहार बॉर्डर के 107 आरडी पर नवीनगर डिवीजन को 1000 क्यूसेक पानी प्राप्त हो रहा है. इधर, अंबा डिविजन क्षेत्र में मात्र 300 क्यूसेक पानी मिला है. मुख्य वजह यह है कि नवीनगर प्रखंड क्षेत्र में 143 आरडी के समीप किसानों द्वारा अनाधिकृत रूप से मेन कैनाल का गेट डाउन कर पानी को रोककर रखा गया था. पता चला कि विभाग के अधीक्षण अभियंता और अंबा के कार्यपालक अभियंता ने गेट ऑन कराया है. पानी बढ़ने के आसार है. इधर, जानकारी मिली कि उक्त गेट गिराने से 136 और 137 आरडी के बीच में देवी कांडी और सिंदुरिया गांव के लगभग मुख्य नहर के तटबंध को क्षतिग्रस्त होने की संभावना है. इसके पहले भीम बराज का वाटर पौंड लेबल खिसक कर एक मीटर से नीचे चला गया था. अब बराज का वाटर लेबल मेंटेन कर गया है. नहर में पानी आने से अधिनस्थ क्षेत्र के खेतिहर सुकून महसूस कर रहे है. हालांकि, अभी तक कुटुंबा व नवीनगर प्रखंड में एक प्रतिशत भी धान की रोपाई नहीं हुई है. किसी गांव में इक्के-दुक्के साधन संपन्न किसानों ने रोपनी की है. कृषि विशेषज्ञों की माने तो धान रोपनी का उपयुक्त समय बीत रहा है. ज्यादा देर से रोपनी होने पर उपज प्रभावित होगी. रामपुर गांव के किसान रामचंद्र सिंह, चन्द्रपुरा के सुशील मिश्र, ढुंडा के गुड्डू पांडेय आदि किसानों ने बताया कि जब तक 15 दिनों तक नहर का अनवरत संचालन नहीं किया जायेगा, तबतक धान की खेती संभव नहीं है. इधर, नवीनगर व कुटुंबा प्रखंड क्षेत्र में गुरुवार को जमकर बारिश हुई थी. दूसरे दिन से मौसम ने फिर करवट ले लिया है. चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी से लोग परेशान है. जिला सांख्यिकी विभाग से प्राप्त आकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटे के अंदर यानी 26 जुलाई की सुबह आठ बजे तक कुटुंबा में 40.8 तथा नवीनगर में 38.2 एमएम बारिश हुई है. इसके अलावा अन्य प्रखंडों में बारिश नहीं हुई है. गत माह के 30 जून को उत्तर कोयल मुख्य नहर में टेस्टिंग के लिए पानी छोड़ा गया था. तकरीबन 27-28 दिन बीतने को है अभी तक अंबा डिवीजन के नहरों में मात्र दो-तीन पानी आया है. अधीक्षण अभियंता अर्जुन प्रसाद सिंह ने बताया कि किसान धैर्य रखे. बराज से क्षमता के अनुरूप नहर का संचालन किया जा रहा है. पानी को बर्बाद न करें. किसान अपने खेतों से होकर दूसरे के खेतों तक पानी जानें दे. सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो धान रोपाई करने में सहूलियत होगी.
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