संवाददाता, महाराजगंज. न लाइसेंस, न रोड परमिट, न कोई टैक्स और न ही ड्राइविंग लाइसेंस, शहर की सड़कों पर फर्राटा भर रही जुगाड़ गाड़ी. जुगाड़ गाड़ी में पाइप, सरिया, लोहा समेत अन्य सामान की ढुलाई के साथ ही इंसानों को भी ढोया जा रहा है. नये परिवहन कानून प्रभावी होने के बावजूद भी शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के सड़कों पर भारी संख्या में अवैध जुगाड़ वाहन का परिचालन धड़ल्ले से जारी है. परिवहन विभाग द्वारा जुगाड़ वाहन के परिचालन पर रोक लगाने की पहल नहीं हो रही है. अनुमंडल में परिवहन नियम और वायु प्रदूषण को दरकिनार कर जहां लगभग चार दर्जन से अधिक जुगाड़ वाहन सड़कों पर फर्राटे भर रहे हैं. हर महीने जहरीले धुआं का शिकार बन रहे सैकड़ों मरीज इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं. बावजूद परिवहन विभाग व महाराजगंज पुलिस सिर्फ बाइक चेकिंग तक ही सिमटी हुई है. जुगाड़ से बने वाहनों के न तो कोई कागज हैं और न ही बीमा. ये जुगाड़ वाहन जहां सड़कों पर फर्राटा भर नियम-कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं. वहीं, दुर्घटना को भी आमंत्रण दे रहे हैं. हालांकि थानाध्यक्ष रत्नेश कुमार वर्मा का कहना है कि वाहन को मोडिफाई करना सड़क नियम के विरुद्ध है. चेकिंग के दौरान ऐसे वाहनों पर कार्रवाई की जाती है. 20 से 30 हजार रुपये में तैयार हो है जाता है जुगाड़ वाहन: ठेला चालकों की मानें, तो इसे तैयार करवाने में 20-30 हजार रुपये की लागत आती है. कोई भी पुरानी बाइक लेकर रिक्शा ठेला में फिट कर दिया जाता है और ठेला बाइक तैयार हो जाती है. यहीं कारण है कि इसके फिटनेस को लेकर हमेशा से सवाल खड़ा हो रहा है.
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