राउरकेला. स्मार्ट सिटी में आलू की कीमतों में आग लगी हुई है. मांग और आपूर्ति में अंतर आने के कारण बाजार में कीमतें आसमान छू रही हैं. फिलहाल इसपर लगाम की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है. शहर में आलू की आपूर्ति मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल से होती है. लेकिन वहां से आलू आने में हो रही दिक्कतों को देखते हुए और बाजार की मांग पूरी करने के लिए उत्तर प्रदेश से आलू मंगाया जा रहा है. शुक्रवार को दो ट्रक आलू उत्तर प्रदेश से स्मार्ट सिटी पहुंचा. लेकिन यह जरूरत के लिहाज से काफी कम है. थोक विक्रेताओं का आरोप है कि आलू लदे वाहनों से अलग-अलग चेक पोस्ट पर अवैध तरीके से रुपये मांगे जा रहे हैं, जिस कारण आलू नहीं आ रहा है. नतीजतन आलू की कीमतें इस तरह से बेलगाम हो गयी है. सामान्य स्थिति में शहर में रोजाना आलू के दो से तीन ट्रक पहुंचते हैं, जिससे बाजार की मांग पूरी हो जाती थी. लेकिन अभी इसमें काफी अंतर आ गया है. आलू नहीं आने से स्टॉक पूरी तरह खाली है.
पश्चिम बंगाल से आलू आने के बाद सामान्य होगी स्थिति
आलू के कारोबारियों को उम्मीद है कि अगले 48 घंटे में स्थिति सामान्य हो सकती है. क्योंकि पश्चिम बंगाल में हड़ताल खत्म हो चुकी है. पश्चिम बंगाल से आलू की आपूर्ति सामान्य होने के बाद ही शहर में इसकी कीमतें नियंत्रित होने की उम्मीद है.
आलू के क्षेत्र में आत्मनिर्भर नहीं है ओडिशा, सभी प्रयास रहे विफल
इससे पहले भी समय-समय पर पश्चिम बंगाल से आलू की आपूर्ति प्रभावित होने से ना केवल राउरकेला, बल्कि राज्य के अन्य हिस्सों में भी परेशानी होती रही है. इन हालातों को देखते हुए राज्य सरकार ने 5-6 साल पहले ओडिशा में आलू का उत्पादन व इसके स्टोरेज के लिए कई प्रयास किये थे. जिसके लिए कोल्ड स्टोरेज का आवंटन भी किया गया था. लेकिन उत्पादन के क्षेत्र में कोई विशेष परिणाम नहीं आने के कारण पश्चिम बंगाल पर आलू और महाराष्ट्र के नासिक पर प्याज के लिए निर्भरता बरकरार है. फसल खराब होने या किसी प्रकार की स्थानीय समस्या होने पर आलू-प्याज की कीमतें आसमान छूने लगती हैं और ग्राहक बेबस हो जाते हैं.
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