चंद्रमंडीह. चकाई प्रखंड अंतर्गत बरमोरिया पंचायत का बघलोतवा गांव आजादी के 77 वर्ष बीत जाने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा हैं. यहां निवास करने वाले अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों को बिजली, पानी और सड़क नसीब नहीं हो पाया है. ऐसे में इन लोगों का जीवन नरक बनकर रह गया है. उक्त बातें अनुमंडल बनाओ संघर्ष समिति के संयोजक मनोज पोद्दार ने चकाई को अनुमंडल बनाने हेतु चलाए जा रहे हस्ताक्षर अभियान के दौरान बघलोतवा गांव में कही. उन्होंने कहा कि यह गांव घने जंगल और पहाड़ों से घिरा हुआ है. पेयजल की समस्या से जूझ रहे यहां के लोग एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित बरनार नदी से पीने का पानी लाकर पीते हैं, जबकि बिजली नहीं होने के कारण यहां के लोग लालटेन युग में जीने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि चकाई से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस गांव में आने के लिए करीब 15 किलोमीटर तक कोई भी सड़क नहीं है. ऐसे में पगडंडियों के माध्यम से ही पैदल या मोटर साइकिल से ही यहां के लोग आवागमन करते हैं. मौके पर ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं से अवगत कराते हुए उन्हें बताया कि वे लोग उसी तरह की जिंदगी जी रहे हैं जैसे लोग आजादी से पहले जीते थे. आलम यह है कि हमलोगों की समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं है. वहीं मौके पर पोद्दार ने ग्रामीणों को आश्वासन देते हुए कहा कि आपलोगों की सभी समस्याओं के समाधान हेतु प्रयास किया जायेगा. साथ ही आपलोगों की समस्याओं से वरीय पदाधिकारियों को अवगत कराया जायेगा. मौके पर लखिया टुडू, गणेश टुडू, मनेल टुडू, समेल सोरेन, लालमोहन मुर्मू सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे.
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