संवाददाता, बेरमो गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने गिरिडीह जिले में वृहद लौह औद्योगिक संस्थानों द्वारा जानलेवा प्रदूषित पदार्थों के उत्सर्जन के विरुद्ध में अब तक किये गये पत्राचार पर संज्ञान नहीं लेने और पर्यावरण को लेकर आहूत बैठक को एकतरफा निरस्त करने को लेकर गिरिडीह डीसी नमन प्रियेश लकड़ा से पांच दिनों के अंदर जवाब मांगा है. उन्होंने कहा कि जवाब नहीं मिलने पर स्पीकर के समक्ष विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लायेंगे और प्रदूषण की रोकथाम को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे. सांसद ने कहा कि उन्होंने गिरिडीह डीसी को अब तक को नौ पत्र लिखे हैं. इस पर संज्ञान लेना वह जरूरी नहीं समझते हैं. उन्होंने डीसी को पत्र भेजकर पूछा है कि क्यों नहीं उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अनुशंसा के लिए आवेदन अग्रसारित कर न्याय संगत कानूनी कार्रवाई शुरू की जाये? डीसी अपने वित्तीय व निजी हितों की पूर्ति के लिए पर्यावरण जैसी महत्वपूर्ण विषय पर मामले को लंबे समय तक लंबित रखने की प्रशासनिक प्रक्रिया अपना रहे हैं. इस विषय की निष्पक्षता पूर्ण जांच के लिए संपूर्ण पत्राचार व दस्तावेज केंद्रीय सतर्कता आयोग को सौंपा जायेगा. सांसद ने कहा कि स्थानीय ग्रामीणों से प्राप्त आवेदन से प्रतीत होता है कि डीसी द्वारा पर्यावरण को लेकर आहूत बैठक को निरस्त करने का कारण अकर्मण्यता, प्रशासनिक अनुभवहीनता, प्रशासनिक प्रक्रिया के प्रति अज्ञानता व केंद्रीय सेवा में योगदान देने में अक्षमता या प्रदूषण करने वाले वृहद लौह औद्योगिक संस्थानों को संरक्षण देने की दिशा में किया गया कार्य प्रतीत होता है. उनके द्वारा विभिन्न प्रकार के अधिनियमों व नियमों का उल्लंघन किया गया है.
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