मुजफ्फरपुर. जल जीवन हरियाली के प्रखंडों में जिले के जलनिकायों का जीर्णोद्धार होना है. लेकिन अभी भी कई प्रखंडों में जीर्णोद्धार का काम सीओ द्वारा सीमांकन व मापी नहीं किये जाने के कारण लटका हुआ है. बीते दिनों डीएम ने समीक्षा के दौरान सीओ के इस कार्यशैली पर चिंता जतायी. साथ ही सभी को निर्देश दिया कि जल्द से जल्द इनका सीमांकन व मापी करे. समीक्षा में लघु सिंचाई प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने बताया था कि जलनिकायों का जीर्णोद्धार सीमांकन नहीं होने से कार्य बाधित है. इसमें मुख्य रूप से गायघाट में बाघाखाल मन, भुसरा मन, महेशवारा मन और शिवदाहा आहर, कटरा अंचल अंतर्गत विधिपुर पोखर, भंसार पोखर, सोहीजन मन, मधेपुरा मन, डरडौल पोखर और विसौथा भुतही पोखर, मीनापुर अंचल में मणिकपुर और राघोपुर मन, मोतीपुर अंचल में चनही पाेखर, ठिकहां पाेखर, मोरसंडी और झींगहा मन शामिल है. किसान के लिए खेतों की सिंचाई आसान करने को लेकर लघु सिंचाई विभाग की ओर से नलकूप लगाया गया था, लेकिन जिले में इसकी स्थिति खराब है. जिले में विभिन्न प्रखंडों में कुल 444 नलकूप है, लेकिन चालू 235 और शेष 209 बंद पड़े हुए है. इसमें बिजली की समस्या से 11, यांत्रिक दोष से 118 और संयुक्त दोष के कुल 78 नलकूप खराब हो चुके है. डीएम ने विभाग के कार्यपालक अभियंता को अविलंब इन बंद पड़े नलकूपों को चालू करने का आदेश दिया है.
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