दुर्गापुर. दुर्गापुर इस्पात संयंत्र(डीएसपी) मेन हॉस्पिटल में काम बंद कर सफाईकर्मियों ने निकाले गये 14 साथियों को जल्द बहाल करने या फिर से काम पर रखने की मांग पर विरोध प्रदर्शन किया. उनकी मांग है कि ठेका एजेंसी की ओर से अस्पताल से निकाले गये सफाईकर्मियों को अविलंब काम पर रखा जाये. साथ ही सफाईकर्मियों के वेतन में असमानता को दूर किया जाये और उन पर काम का अधिक दबाव ना डाला जाये. अस्पताल में साफ-सफाई की स्थिति खराब है. रोगी भी परेशान हैं. प्रदर्शन की सूचना पाते ही पुलिस और सीआइएसएफ के जवान वहां पहुंच गये और स्थिति को नियंत्रित करने में जुट गये. शुक्रवार को सुबह 7:00 बजे से लेकर 11:00 बजे तक सफाईकर्मियों का विरोध प्रदर्शन चला. बाद में तृणमूल ट्रेड यूनियन और डीएसपी प्रबंधन के आश्वासन के बाद विरोध प्रदर्शन थमा. अस्थायी सफाईकर्मी अजय देबनाथ ने आरोप लगाया कि अस्पताल में सफाई का काम करानेवाले ठेकेदार ने कुछ दिन पहले अचानक 14 अस्थायी सफाईकर्मियों को काम से हटा दिया है. इससे अस्पताल में सफाई व्यवस्था प्रभावित हुई है. ठेकेदार, सफाईकर्मियों पर अतिरिक्त काम का दबाव बना रहा है. डीएसपी अस्पताल में 91 अस्थायी सफाईकर्मी हैं, जो बीते 12 से 15 साल से काम कर रहे हैं. उनका मासिक वेतन लगभग 12 हजार रुपये है. ये सब डीएसपी से आवंटित ठेका एजेंसी के कर्मचारी हैं, जिन्हें तृणमूल श्रमिक संगठन की ओर से नियुक्त किया गया था. दो हफ्ते पहले 14 सफाईकर्मियों को अचानक नौकरी से निकाल दिया गया है. इस बाबत पूछने पर ठेकेदार ने आश्वस्त किया कि निकाये गये सफाईकर्मियों को फिर काम पर रख लिया जायेगा. लेकिन अभी उन्हें काम पर नहीं रखा गया है. वहीं, अस्पताल में काम करनेवाले सफाईकर्मी पीएफ, ईएसआइ की सुविधा से वंचित हैं. मेडिकल प्लांट के अस्थायी सफाईकर्मियों का मासिक वेतन 21 हजार रुपये है. जबकि अस्पताल के सफाईकर्मियों की तनख्वाह सिर्फ 12 हजार रुपये हैं. ठेका कंपनी को सभी सफाईकर्मियों का वेतन एक समान करना होगा. इस बारे में आइएनटीटीयूसी ब्लॉक के अध्यक्ष मानस अधिकारी ने बताया कि मेन हॉस्पिटल में 76 अस्थायी सफाईकर्मियों के सहयोग के लिए रिलीवर के तौर पर 14 अस्थायी श्रमिकों की नियुक्ति कुछ वर्ष पहले की गयी थी. गत 16 जुलाई को ठेका कंपनी ने 14 रिलीवर्स को निष्कासित कर दिया. उसके बाद से अन्य सफाईकर्मी आंदोलन पर उतर पड़े हैं. निष्कासित सफाईकर्मियों को जल्द काम पर रखने की डीएसपी प्रबंधन से अपील की गयी है.
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