10 रुपये का सिक्का डालने पर निकल रहा कपड़े का बैग
संवाददाता, कोलाकाताअब तक एटीएम से केवल नोट निकलते ही देखा गया था, लेकिन अब कोलकाता समेत राज्य के 10 बड़े शॉपिंग मॉल में नोट के स्थान पर कपड़े का बैग निकाल रहा है. पर्यावरण संरक्षण के लिए पॉलीथिन के विकल्प के रूप में आमजन को वेंडिंग मशीन से कपड़े का बैग बांटने की योजना है. इस क्लॉथ बैग वेंडिंग मशीन में 10 का सिक्का डालते ही कपड़े का बैग बाहर आ रहा है. यह पहल राज्य के पर्यावरण विभाग की ओर से की गयी है. यह जानकारी शुक्रवार को राज्य के पर्यावरण मंत्री गुलाम रब्बानी ने विधानसभा में दी. सदन की कार्यवाही समाप्त होने पर पत्रकारों से बात करते हुए रब्बानी ने बताया कि प्लास्टिक के बैग पर हम पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगा सके हैं. विकल्प के तौर पर कपड़े के बैग बांटने के लिए कोलकाता समेत राज्य के 10 बड़े शॉपिंग मॉल में बैग वेंडिंग मशीनें लगायी गयी हैं. मंत्री ने बताया कि कोलकाता के विधान मार्केट, जादवपुर के 8बी बस स्टैंड के पास समेत 10 शॉपिंग मॉल में यह मशीन लगायी गयी है. मंत्री ने बताया : विधायक चाहें, तो अपने क्षेत्र में किसी भी मार्केट में इस मशीन को लगवा सकते हैं. इसके लिए हर बैग पर विभाग की ओर से 10 रुपये की सब्सिडी दी जायेगी. राज्य को विभिन्न प्रकार के प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिए भी विभाग कई योजनाओं पर कार्य कर रहा है. वायु की गुणवत्ता पर नजर रखने के लिए राज्य में करीब 200 एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम (एक्यूएमएस) लगाये गये हैं. इससे वायु के साथ ध्वनि प्रदूषण को भी मापा जा सकता है.
राज्य पुलिस को मिलेंगी 1500 इ-साइकिलें
मंत्री ने कहा कि पुलिसकर्मी पेट्रोलिंग के लिए मोटरसाइकिल का इस्तेमाल करते हैं, जिसे पेट्रोल से चलाया जाता है. प्रदूषण को कम करने व खर्च में कमी लाने के उद्देश्य से पर्यावरण विभाग की ओर से राज्य पुलिस में जल्द ही 1500 इ-साइकिलें बांटी जायेंगी. हीरो कंपनी से इस तरह की बैटरी ऑपरेटेड साइकिलें खरीदी जायेंगी.मंत्री ने दी जानकारी, राज्य के सबसे प्रदूषित शहरों में कोलकाता, आसनसोल और दुर्गापुर शामिल
मंत्री ने बताया कि राज्य में सबसे प्रदूषित छह शहरों को चिह्नित किया गया है. इनमें कोलकाता, आसनसोल, हल्दिया, हावड़ा, बैरकपुर और दुर्गापुर शामिल हैं. इस सभी जगहों पर प्रदूषण कम करने के लिए पौधारोपण पर जोर दिया जा रहा है. पर्यावरण व प्रदूषण के प्रति छात्रों के जागरूक करने के लिए 5,732 स्कूल और 100 कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाये गये हैं. यहां बच्चों को वेस्ट बंगाल परिवेश एप की जानकारी दी गयी है. इस एप के जरिये घर बैठे राज्य भर के प्रदूषण की स्थिति का पता लगाया जा सकता है. किसी स्थान पर ध्वनि प्रदूषण की मात्रा अधिक हो, तो इस एप के जरिये पुलिस को सूचित भी किया जा सकता है. मंत्री ने बताया कि, जरूरतमंद परिवारों में चार हजार स्मोक लेस चूल्हे वितरित किये गये हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है