धनबाद.
जिले में संचालित आरोग्य आयुष्मान केंद्र में जले व हार्ट अटैक के मरीजों का इलाज होगा. इन केंद्रों में जले व हार्ट अटैक के मरीजों के पहुंचने पर प्रारंभिक जांच की सुविधा प्रदान की जायेगी. स्वास्थ्य विभाग इसकी तैयारी में जुट गया है. योजना को लेकर स्वास्थ्य चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने पहले ही अनुमति प्रदान कर दी है. इसे लेकर जिला स्तर पर आरोग्य आयुष्मान मंदिर में पदस्थापित कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) को जले व हार्ट अटैक के मरीजों के प्रारंभिक उपचार की ट्रेनिंग दी जायेगी. यहां मरीजों का प्रारंभिक उपचार करने के बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल भेज दिया जायेगा. बता दें कि आरोग्य आयुष्मान मंदिर ग्रामीण इलाकों में संचालित है. इसका उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करना है. आग व करंट की चपेट में आकर झुलसने व हार्ट अटैक से जुड़े कई मामलों में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को प्रारंभिक उपचार मिलने में देर हो जाती है. ऐसे में कई मरीजों की जान चली जाती है. इस समस्या से निबटने के लिए स्वास्थ्य मुख्यालय ने नई योजना बनाई है.सीएचओ को दी जायेगी सीपीआर की ट्रेनिंग, केंद्र में उपलब्ध होगी दवायोजना के तहत हर्ट अटैक के मरीजों के प्रारंभिक उपचार के लिए सभी सीएचओ को सीपीआर की ट्रेनिंग प्रदान की जायेगी. दिल के दौरे के कारण कार्डियक अरेस्ट होता है, तो व्यक्ति को सीपीआर की जरूरत पड़ती है. इससे इएमएस के आने तक उनके रक्त प्रवाह को बनाए रखने में मदद मिलती है. इसके अलावा हार्ट अटैक आने पर मरीजों को दी जाने वाली प्रारंभिक दवा भी केंद्र में उपलब्ध करने की योजना है. ताकि, मरीजों को स्टेबल करने के बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए दूसरे अस्पताल भेजा जा सके. वहीं किसी के झुलसने पर तत्काल आराम दिलाने के लिए मरहमपट्टी के सामान व आवश्यक दवाएं भी आरोग्य आयुष्मान मंदिर में मौजूद रहेगी.
वर्जनयोजना को लेकर सीएचओ को ट्रेनिंग दी जायेगी. इसकी जिम्मेवारी स्वास्थ्य विभाग के अधीन एनसीडी सेल को सौंपी गयी है. अगस्त के अंतिम सप्ताह तक आरोग्य आयुष्मान केंद्र में लोगों को योजना का लाभ मिलने लगेगा. स्वास्थ्य विभाग की ओर से केंद्र में दवा उपलब्ध कराने की तैयारी चल रही है.डॉ चंद्रभानु प्रतापन, सीएस
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