Shinku la Tunnel in Ladakh: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को करगिल विजय दिवस के अवसर पर हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के बीच रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण व दुनिया की सबसे ऊंची शिंकुन ला सुरंग के निर्माण के लिए पहला विस्फोट किया. यह विस्फोट द्रास में करगिल युद्ध स्मारक से ही रिमोट के जरिये किया गया. यह सुरंग सेना को हर मौसम में एलएसी पर पहुंचने की सुविधा प्रदान करेगी. यह सुरंग न केवल एलएसी तक हमारे सशस्त्र बलों और उपकरणों की तेज और कुशल आवाजाही सुनिश्चित करेगी, बल्कि चीन के किसी भी नापाक हरकत को मुंहतोड़ जवाव देने में भारतीय सेना की मदद करेगी.
सुरंग लद्दाख में आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा देगी. हाल ही में भारत ने चीन की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश में बालीपारा-चारिद्वार-तवांग मार्ग पर 13,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर 825 करोड़ रुपये की लागत की सेला सुरंग बनाया है. ये सुरंगें न केवल युद्ध की स्थिति में सेना की आसानी से आवाजाही के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि यह युद्ध के दौरान गोला-बारूद, मिसाइलों, ईंधन और अन्य आपूर्ति के भूमिगत भंडारण के लिए भी उपयोग में आ सकता है.
कई विशेषताओं से भरपूर होगी सुरंग
- नयी सुरंग लंबी दूरी से की जाने वाली बमबारी या मिसाइल हमलों को झेलने में सक्षम होगी. युद्ध में बंकर के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा.
- चीन की सीमा पर चुनौतियों से निपटने में अहम साबित होगी. पश्चिमी लद्दाख और जस्कर घाटी के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी उपलब्ध करायेगी.
- चीन या पाकिस्तान की तरफ से किसी भी तरह के हमले की स्थिति में सीमा तक सेना के लिए रसद और हथियार पहुंचाने में आसानी होगी.
- 15,800 फीट की ऊंचाई पर बन रही सुरंग
- 60 किमी कम होगी मनाली से लेह की दूरी
- 100 किमी दूरी कम तय करनी पड़ेगी सेना को एलएसी तक जाने में
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टूटेगा चीन का रिकॉर्ड
सुरंग का निर्माण पूरा होने पर यह दुनिया की सबसे ऊंची (15,800 फीट की ऊंचाई) सुरंग होगी. वर्तमान में चीन की मीला टनल 15590 फीट की ऊंचाई पर है.