लखीसराय. जिले के साइबर थाना की पुलिस ने मोबाइल के माध्यम से ठगी करने के आरोप में दो लोगों को अलग-अलग मामले में गिरफ्तार किया है. इस संबंध में पुलिस उपाधीक्षक सह साबइर थानाध्यक्ष सुचित्रा कुमारी ने बताया कि पहला मामले में विगत 12 मार्च को सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज के तृतीय वर्ष की एक छात्रा के द्वारा साइबर थाना में आवेदन देकर साइबर अपराधियों के द्वारा मोबाइल पर संपर्क कर 25 हजार रुपये की ठगी करने की बात कहते हुए कांड संख्या 23/24 दर्ज करायी थी. जिस मामले में अनुसंधान के क्रम में ज्ञात हुआ कि छात्रा से ठगी गयी राशि नवादा जिला के साहपुर निवासी हिमांशु कुमार के खाते से होते हुए नवादा जिला के ही काशीचक थाना क्षेत्र के महरथ गांव निवासी दिलीप सिंह के पुत्र कन्हैया कुमार के खाते में भेजी गयी थी. पुलिस टीम के द्वारा अनेकों बार अभियुक्तों की छापेमारी का प्रयास किया, गया परंतु कन्हैया व उसके सहयोगी भागने में सफल रहते थे. पुन: उनके निर्देशन में अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए एक टीम भेजी गयी, जिसके द्वारा अभियुक्त कन्हैया कुमार को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है. उन्होंने बताया कि पूछताछ के क्रम में कन्हैया द्वारा बताया गये बातों एवं तकनीकी अनुसंधान से यह स्पष्ट है कि एक सुसंगठित गिरोह है, जिसके सदस्य नवादा, नालंदा, शेखपुरा से तालुकात रखते हैं. जिनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जायेगी. वहीं दूसरे मामले में 26 जुलाई को साइबर थाना को सूचना मिली थी कि जिले के रामगढ़ चौक थाना क्षेत्र के गरसंडा निवासी शंकर सिंह के पुत्र अमित कुमार द्वारा लोगों के मोबाइल पर सेक्स वर्कर प्रोवाइड कराने के लिए तथा लोन मुहैया कराने के लिए मैसेज भेज कर पैसों की ठगी की जाती है. जिसके बाद वरीय पदाधिकारी को इसकी सूचना दी गयी. जिसके बाद उनके द्वारा तकनीकी टीम को उक्त सूचना के संदर्भ में और अधिक जानकारी एवं तकनीकी जांच हेतु निर्देशित किया गया. जिसके उपरांत अमित कुमार की स्थिति संदेहास्पद पायी गयी. जिसके उपरांत उनके द्वारा पुलिस निरीक्षक सह साइबर थाना के अपर थानाध्यक्ष अमित कुमार के नेतृत्व में सत्यापन के लिए एक टीम भेजी गयी, जिसके द्वारा अमित कुमार को पूछताछ के लिए साइबर थाना लाया गया. तकनीकी जांच एवं पूछताछ तथा अमित के पास से जब्त किये गये 39 एयरटेल कंपनी का सिम, दो मोबाइल, जिसमें पश्चिम बंगाल का फर्जी सिम कार्ड लगा हुआ था सहित व्हाट्सएप/फोन स्टोरेज से प्राप्त दस्तावेज/फोटो का अवलोकन से यह स्पष्ट हो गया कि वह साइबर अपराध का कार्य करता है. जिसे पूछताछ के क्रम में स्वयं अमित ने इसे स्वीकारा है. साथ ही उसने बताया कि वह कैसे लोगों को अपने फर्जी सिम से स्वचालित व्हाट्सएप से लोगों को संपर्क कर उन्हें ऑनलाइन सेक्स सर्विस मुहैया कराने का झांसा देकर पहले एक-दो किस्तों में छोटी राशि और फिर बाद में बड़ी राशि का डिमांड कर ठगी किया करता रहा है. वहीं लोगों को तत्काल लोन देने का झांसा देकर उनसे पैसे की ठगी भी किया जाता रहा है. लोगों को भरोसे में लेने के लिए अमित के द्वारा फर्जी लोन एग्रीमेंट कागजात(ऑनलाइन एडिट किया हुआ) लोगों को भेजा जाता था और इसके बदले पैसे की मांग की जाती थी. साइबर डीएसपी ने बताया कि दोनों ही मामले में छापेमारी दल में पुलिस निरीक्षक सह साइबर थाना के अपर थानाध्यक्ष अमित कुमार, साइबर थाना के एसआई चंद्रवीर सिंह, राजीव कुमार, अन्नु कुमारी, प्रोग्रामर रत्नेश कुमार, सिपाही दिवाकर कुमार तथा डीआईयू शाखा के पुलिस पदाधिकारी कर्मी शामिल थे.
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