रानीगंज.
रानीगंज के बख्तार नगर स्थित निजी स्पंज आयरन फैक्टरी से नियमों को ताख पर रख कर प्रदूषण फैलाया जा रहा है. इसके चलते पलाश बन और बाबुईशोल क्षेत्र सहित बख्तारनगर का विशाल इलाका प्रदूषित हो रहा है. प्रदूषण इतना फैल रहा है कि लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. पूरे क्षेत्र में प्रदूषण के कारण लगातार लोग बीमार हो रहे हैं और इसके साथ ही प्रदूषण के प्रभाव से विभिन्न बीमारियां भी बढ़ रही हैं.यह आरोप लगाते हुए क्षेत्र के तीन ग्रामीण क्षेत्रों के सैकड़ों ग्रामीणों ने फैक्ट्री गेट पर धरना देकर प्रदूषण पर तत्काल रोक लगाने की मांग की. उन्होंने शनिवार को फैक्ट्री गेट के सामने विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि फैक्ट्री के प्रदूषण पर तुरंत नियंत्रण किया जाए, अन्यथा वे फैक्ट्री बंद कर देंगे और लगातार धरना-प्रदर्शन करेंगे. इलाके के लोगों का दावा है कि इलाज के दौरान उन्हें डॉक्टरों से इलाका छोड़कर कहीं और रहने की सलाह मिल रही है, जिससे धीरे-धीरे दहशत फैल गई है. हालात इतने खराब हो गए हैं कि घर की गृहणियों ने आंगन में कपड़े पसारना बंद कर दिया है. घर की छत से लेकर कुएं-तालाब तक हर जगह पानी काली परत से ढका हुआ है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कहा कि इस प्रदूषण के कारण कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.हालांकि इस संबंध में कारखाना अधिकारियों से कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन फैक्ट्री अधिकारियों ने कोई जवाब नहीं दिया.बख्तार नगर में प्रदूषण की यह पहली समस्या नहीं है. इससे पहले भी कई बार ग्रामीण प्रदूषण को लेकर विरोध प्रदर्शन करते नजर आ चुके हैं. कई बार विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता भी इस प्रदूषण के खिलाफ आवाज उठा चुके हैं, लेकिन कुछ नहीं हुआ. इस बारे में प्रदर्शनकारी का कहना है कि कारखाने में पहले एक मशीन लगाई गई थी, जिसमें प्रदूषण नियंत्रण के लिए यंत्र लगाया गया था लेकिन अब दूसरी मशीन लगाई गई है जिसमें ऐसा कोई यंत्र नहीं लगाया गया है .जिस वजह से यहां पर इतना प्रदूषण फैल रहा है कि इलाके के लोगों का रहना मुश्किल हो गया है .
उन्होंने कहा कि स्थानीय निवासी कारखाने को बंद नहीं करना चाहते, लेकिन इस कारखाने से कितना प्रदूषण फैल रहा है कि इसी साल प्रदूषण की वजह से हुई विभिन्न बीमारियों के कारण 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. उन्होंने कहा कि वह सिर्फ इतना चाहते हैं कि प्रदूषण नियंत्रण यंत्र लगाकर कारखाना चलाया जाए जिससे कि यहां के लोग राहत महसूस कर सकें उन्होंने साफ कहा कि अगर 1 अगस्त तक कारखाना प्रबंधन प्रदूषण नियंत्रण यंत्र नहीं लगा देता है तो उसके बाद सभी गांव वाले एकत्रित होकर कारखाना गेट के सामने मंच बनाकर धरना प्रदर्शन करेंगे और तब तक नहीं हटेंगे. इस बारे में कारखाना प्रबंधन के अधिकारियों से बात की जाती है तो उनका जवाब होता है कि अभी यंत्र लगाने के बारे में कोई विचार नहीं किया गया है ऐसे में यहां के लोगों के सामने प्रदर्शन करने के अलावा और कोई चारा नहीं बचता है.हालांकि इस बारे में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित प्रशासन के विभिन्न स्तरों पर शिकायत भी दर्ज कराई जाएगी .प्रदर्शन कर रही महिलाओं से बात की तो उन्होंने कहा की स्थिति इतनी भयानक हो चुकी है कि यहां के लोग अपने घर के आंगन में कपड़े पसार नहीं सकते कपड़े गंदे हो जाते हैं अगर गेहूं धोकर उसे सूखने के लिए आंगन में रखा जाता है तो वह भी प्रदूषण की जद में आ जाता है. उन्होंने कहा कि यहां इस कारखाने से कितना ज्यादा प्रदूषण फैल रहा है कि चिकित्सक अब लोगों को यह इलाका छोड़ने के लिए कह रहे हैं क्योंकि कैंसर जैसे बीमारियां फैल रही हैं और लोगों के फेफड़ों में प्रदूषण की वजह से जटिल से जटिल बीमारियां हो रही है उनका सवाल था कि अगर ऐसा ही चला रहा तो यहां के लोग कहां जायेंगे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है