गढ़वा जिले के रमकंडा प्रखंड के सबाने गांव में मुंडा समाज की जमीन पर जबरन कब्जा किये जाने के मामले में प्रखंड 20 सूत्री अध्यक्ष राजकिशोर यादव ने कहा है कि वह खुद इसकी जांच की मांग कर रहे हैं. जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा. उन्होंने कहा कि सबाने गांव का मुंडा समाज जिस जमीन को अपना बताकर मेरे ऊपर जबरन जमीन कब्जा किये जाने का आरोप लगा रहा है, मैं दावे के साथ कह रहा हूँ कि उक्त जमीन का कागजात अपने नाम से दिखा दें, मैं जमीन छोड़ने को तैयार हूं. उदयपुर पंचायत के मुखिया पति श्री यादव ने कहा कि मुंडा समाज का आरोप पूरी तरह गलत है. उन्हें पूर्व विधायक सतेंद्र नाथ तिवारी बरगला रहे हैं तथा मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर की छवि धूमिल करने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुंडा समाज जिस जमीन को अपना बता रहा हैं, उस जमीन को उन्होंने रैयत रघुवीर साव से 2016 में खरीदी है. उस समय तो भाजपा की सरकार थी. उन्होंने कहा कि केवाला से क्रय की गयी तिथि से इस भूमि पर 2016 से उनका दखल कब्जा है. वहीं उक्त जमीन का म्यूटेशन के बाद ऑनलाइन रसीद भी निर्गत है. ऐसे में रघुवीर साव की जमीन को मुंडा समाज अपना बताकर पूर्व विधायक की ओर से चुनावी राजनीति की जा रही है. उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले जांच हो जाती, तब पूर्व विधायक को जमीन की वास्तविकता का पता चल जाता. उन्होंने कहा कि रमकंडा प्रखंड में रघुवीर साव के पास उपलब्ध बंदूक लेने के लिए नक्सलियों ने रघुवीर साव का घर तोड़ दिया था. वहीं उसकी सारी जमीन छीनकर गांववालों में बांट दी थी. इसी समय जब सबाने गांव की जमीन परती रहने लगी, तो नाला पार करके मुंडा समाज रघुवीर साव की जमीन के कुछ भाग पर दो-तीन सालों तक जोत कोड़ कर खेती करने लगा. बाद में नक्सलियों ने श्री साव की सारी जमीन वापस कर दी. इसके बाद रघुवीर साव पुन्दगा व सबाने गांव की अपनी जमीन दखल-कब्जे में लेकर धीरे-धीरे बेचकर चैनपुर चले गये. सबाने गांव की जमीन का कुछ भाग उन्होंने भी उनकी पत्नी से खरीदा है. ऐसे में मुंडा समाज का यह आरोप लगाना कि उनकी जमीन पर कब्जा किया गया है, समझ से परे है. बहरहाल जांच में पूरी बात स्पष्ट हो जायेगी.
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