भभुआ कार्यालय. कैमूर पहाड़ी पर स्थित करकटगढ़ जलप्रपात, तेल्हाड़कुंड झरना का नाम तो आपने जरूर सुना होगा और वहां पर आप कई बार गये भी होंगे और उसकी खूबसूरती से भी आप अवगत होंगे. लेकिन, कैमूर पहाड़ी पर एक ऐसा झरना है जिसकी तुलना कनाडा के सबसे खूबसूरत झरना नियाग्रा फॉल से की जाती है. बादलों से ढका यह झरना बारिश के मौसम में इतना खूबसूरत लगता है कि इसे देखने के बाद आप गोवा का दूधसागर झरने को भूल जायेंगे. लेकिन, सरकारी उपेक्षा, दुर्गम रास्ते व प्रचार प्रसार के अभाव में यहां पर दूरदराज के पर्यटक तो दूर कैमूर जिले के भी अधिकतर लोग इस खूबसूरत झरने के बारे में ना तो जानते हैं और ना ही कभी गये हैं. जिस तरह से पांच साल पहले तक करकटगढ़ जलप्रपात को कोई नहीं जानता था, वहीं जब सरकार की नजर उस पर गयी और उसका विकास किया गया, तो आज वहां पर बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं और उसकी खूबसूरती देख मेघालय और गोवा से इसकी तुलना कर रहे हैं. अगर सरकार के स्तर से वंशी खोह जलप्रपात का प्रचार प्रसार, रास्ते का निर्माण व सुविधा उपलब्ध करायी गयी, तो यह पर्यटकों के बड़े आकर्षण का केंद्र होगा. = बंशी खोह में एक जगह पर एक साथ गिरते हैं कई झरने उक्त झरने की खासियत यह है कि यह कैमूर पहाड़ी के ऊपर से खाई में गिरता है. साथ ही यहां पर एक साथ एक ही जगह पर कई झरने इस खाई में गिरते हैं. इस झरने की खूबसूरती में उमड़ते-घुमड़ते बादल व कुहासा चार चांद लगा देते हैं. इसके अलावा झरने की दूसरी तरफ से जब कोई व्यक्ति कुछ बात चिल्लाकर बोलता है, तो वह आवाज वापस गूंजने लगता है. बादलों के बीच झरने का गिरता पानी वहां पहुंचने वाले लोगों का मन मोह लेता है. कैमूर पहाड़ी पर स्थित अन्य जल प्रपातों पर एक ही झरना है, जबकि वहां पर कई झरने एक साथ गिर रहे हैं. दो पहाड़ों के बीच गिर रहे झरने व उसकी खूबसूरती को देखकर आप निश्चित रूप से मंत्र मुग्ध होकर रह जायेंगे. = अधौरा से लोहरा होते आप जा सकते हैं बंशी खोह अगर आपको बंशी खोह जलप्रपात पर जाना है, तो आप जिला मुख्यालय भभुआ से अधौरा और फिर वहां से लोहार, सरोदाग, सुखमा, सोहदाग होते हुए वहां पर पहुंच सकते हैं. वहां से महज एक किलोमीटर की दूरी पर दुर्गावती नदी का उद्गम स्थल भी है. पहाड़ी इलाका होने के कारण रास्ता थोड़ा दुर्गम है, लेकिन उक्त झरने पर पहुंचने के बाद आप निश्चित रूप से उसकी खूबसूरती को देखकर रास्ते की थकावट को भूल जायेंगे. = वंशी खोह को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने पर वनवासियों का होगा विकास कैमूर जिले में कैमूर पहाड़ी के ऊपर अब तक लोग करकटगढ़ व तेलहाड़ कुंड को ही लोग जानते हैं और इन्हीं जगहों को पर्यटन स्थल के रूप में वन विभाग द्वारा विकसित भी किया जा रहा है. लेकिन अगर सरकार द्वारा बंशी खोह जलप्रपात का भी पर्यटन स्थल के रूप में विकास किया जाता है, तो कैमूर पहाड़ी पर वनवासियों का भी विकास उक्त पर्यटन स्थल के जरिए हो सकेगा. इसके अलावा कैमूर पहाड़ी पर एक और खूबसूरत झरने का लोग आनंद उठा सकेंगे. करकटगढ़ की तरह अगर वहां पर भी झरने के सामने झूला लगा दिया गया, तो उक्त झरने की खूबसूरती कई गुना और बढ़ जायेगी और पर्यटकों के लिए सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र बन जायेगा. = बंशी खोह झरने की खूबसूरती देख एसपी भी हुए दीवाने कैमूर पहाड़ी पर अधूरा और लोहारा के अलावा चार और थानों का निर्माण किया जा रहा है, उन्हीं स्थानों के निरीक्षण के क्रम में एसपी ललित मोहन शर्मा वंशी खोह जलप्रपात पर जब पहुंचे, तो उसकी खूबसूरती देखकर वह भी दीवाना हो गये और उन्होंने कहा कि उन्हें इसका अंदाजा भी नहीं था कि कैमूर पहाड़ी के ऊपर इतना खूबसूरत और बेमिसाल झरना मौजूद है. हमारा लोगों से आग्रह होगा कि वह निश्चित रूप से प्रकृति के इस वरदान को देखें, यह देश-विदेश के कई अन्य जलप्रपात जहां की लोग लाखों रुपये खर्च कर जाते हैं, उस खूबसूरत जलप्रपात यही कैमूर पहाड़ी पर स्थित है. कैमूर पहाड़ी अब पूरी तरह से नक्सली मुक्त हो चुका है. सरकार के स्तर से भी इसे नक्सल प्रभावित जिला के श्रेणी से बाहर कर दिया गया है. इसके बावजूद सुरक्षा के दृष्टिकोण से अधूरा में एक कंपनी बीएमपी व लोहारा थाने पर एक प्लाटून सैफ के जवानों की तैनाती की गयी है. इसके साथ ही बंसी खोह जलप्रपात से तीन किलोमीटर की दूरी पर आथना थाना का निर्माण हो रहा है वहां से युक्त झरने पर जाने वाले लोगों को बड़े आसानी से सुरक्षा व्यवस्था भी उपलब्ध करायी जा सकती है. 2025 तक उक्त थाना शुरू हो जायेगा. पर्यटक की दृष्टिकोण से वंशी खोह को जलप्रपात निश्चित रूप से बहुत ही खूबसूरत जगह है, जो लोगों के लिए देखने के लायक है.
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