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झारोटेफ की 11 सूत्री मांग को लेकर होगा जिला व राज्य स्तरीय कार्यक्रम

झारोटेफ की 11 सूत्री मांग को लेकर होगा जिला व राज्य स्तरीय कार्यक्रम

झारोटेफ गढ़वा की ओर से चिनिया में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें कहा गया कि राज्य के समस्त शिक्षकों, कर्मचारियों एवं अधिकारियों के हित में 11 सूत्री मांगों को लेकर प्रखंड से लेकर जिलास्तर पर चरणबद्ध आंदोलन किया जा रहा है. इसी कड़ी में राजकीयकृत प्लस टू उच्च विद्यालय चिनिया में प्रखंड स्तरीय कर्मचारी चेतना जागरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. झारोटेफ गढ़वा के जिला मीडिया प्रभारी दिलीप कुमार सिंह एवं जिला प्रवक्ता डॉ कृष्ण कुमार यादव की अगुवाई में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी प्रतिभा कुमारी मौजूद थीं. उन्होंने कहा कि इस संगठन ने बहुत कम समय में पुरानी पेंशन का लाभ लाखों कर्मचारियों को दिलाया है. उम्मीद है कि अन्य ग्यारह मांगे भी वर्तमान सरकार से पूरी कराने में यह संगठन सफल होगा. इसके पूर्व कार्यक्रम का संचालन करते हुए मीडिया प्रभारी दिलीप सिंह ने कर्मचारी चेतना जागरण कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में विस्तार पूर्वक बताया. उन्होंने कहा कि 11 अगस्त को जिला स्तरीय कार्यक्रम में और एक सितंबर को राज्य स्तरीय कार्यक्रम में आशातीत संख्या के साथ पहुंचकर कार्यक्रम को सफल बनाने की जरूरत है. मौके पर जिला प्रवक्ता डॉ कृष्ण कुमार यादव, विद्यालय के प्राचार्य समीर राज, शिक्षक शिवनाथ राम, सुनील कुमार विश्वकर्मा व चैतूनाथ सिंह ने भी विचार व्यक्त किये.

कार्यकारिणी का गठन : कार्यक्रम के अंत में प्रखंड कार्यकारिणी कमेटी का गठन किया गया. इसमें अध्यक्ष शिक्षक शिवनाथ राम, सचिव सुनील कुमार विश्वकर्मा, कोषाध्यक्ष सत्यनारायण सिंह तथा उपाध्यक्ष समीर राज एवं चैतुनाथ सिंह को निर्वाचित किया गया.

झारोटेफ की 11 सूत्री मांग : इनमें एनपीएस में जमा राशि वापस लाने, राज्य कर्मियों की सेवानिवृति उम्र 62 वर्ष करने, अन्य राज्य कर्मियों की भांति शिक्षकों को भी एमएसीपी का लाभ देने, चार बड़े शहरों की तरह राज्य के सभी जिलों में परिवहन भत्ता लागू करने, केंद्रीय कर्मियों के अनुरूप राज्य कर्मियों को भी शिशु शिक्षण भत्ता की सुविधा दिलाने, 300 दिनों से अधिक संचित उपार्जित अवकाश के उपभोग की अनुमति दिलाने, सेवा नियमावली में किये जा रहे अलाभकारी तथा कर्मचारी विरोधी संशोधनों को रोकने, राज्य के सभी विभागों के लिपिक संवर्गो की सेवा नियमावली में एकरूपता लाने, समस्त राज्य कर्मियों को प्रशासनिक सेवा के सीमित परीक्षा में बैठने की अनुमति देने, चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों को लिपिक संवर्ग में प्रोन्नति दिलाने तथा संविदा तथा आउटसोर्सिंग नियुक्ति एवं निजीकरण रोकने की मांग शामिल है.

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