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बिहार के हिस्से का कर्मनाशा मुख्य नहर में छोड़ा गया 187 क्यूसेक पानी

लतीफशाह बांध से निकली कर्मनाशा मुख्य नहर में बेन हेड यूपी से पानी कम देने की खबर प्रभात खबर में लगातार प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद बिहार के हिस्से के पानी में लगातार बढ़ोतरी होने लगी है.

कर्मनाशा. लतीफशाह बांध से निकली कर्मनाशा मुख्य नहर में बेन हेड यूपी से पानी कम देने की खबर प्रभात खबर में लगातार प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद बिहार के हिस्से के पानी में लगातार बढ़ोतरी होने लगी है. रविवार की सुबह यूपी के बेन हेड से कर्मनाशा मुख्य नहर में 187 क्यूसेक पानी आ रहा है. वहीं, दो दिनों पहले 116 क्यूसेक पानी ही बेन हेड से कर्मनाशा मुख्य नहर में छोड़ा जा रहा था. लेकिन, प्रभात खबर में पानी समस्या की खबर प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद पानी का लेबल लगातार बेन हेड से बढ़ाया जाने लगा है. शुक्रवार व शनिवार को 174 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. वहीं, रविवार को 187 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. नहर में पानी का लेबल कम होने से जहां चांद के ऊपर ही पानी रह जा रहा था, वहीं अब चांद के नीचे के क्षेत्रों में भी पानी आने की संभावना बढ़ गयी है. दरअसल, लतीफशाह बांध से कर्मनाशा नहर में रविवार से साढ़े छह फीट पानी डिस्चार्ज किया रहा है, लेकिन लतीफशाह बांध से बेन हेड की दूरी साढ़े नौ किलोमीटर है. बेन हेड के ऊपर यूपी के तीन बड़े माइनर तथा दो छोटे माइनर है. बड़े माइनरों में गोविंदपुर लेहरा तथा बनरसिया माइनर शामिल है तथा छोटे-छोटे अन्य माइनर है. गोविंदपुर माइनर में करीब डेढ़ सौ क्यूसेक, लहरा माइनर में करीब 100 क्यूसेक तथा बनरसिया माइनर में करीब 50 क्यूसेक पानी जा रहा है. तथा अन्य माइनरों में 10 से 15 क्यूसेक पानी जा रहा है. वहीं, बेन हेड से 187 क्यूसेक पानी बिहार की तरफ कर्मनाशा मुख्य नहर राइट में 187 क्यूसेक तथा बेन हेड से करीब 100 क्यूसेक पानी लेफ्ट में यूपी के नहर बेन में पानी जा रहा है. लेकिन, बेन हेड से मालदह तक यूपी का ही इलाका पड़ता है, जिसकी दूरी करीब तीन किलोमीटर है. इसमें छोटे-बड़े 16 कुलावा चल रहे हैं. इस तीन किलोमीटर की दूरी में भी करीब 50 क्यूसेक पानी यूपी को ही चला जा रहा है तथा इतनी दूरी में नहर में काफी घास फूस जमे है. मालदह के बाद बिहार का इलाका शुरू हो जाता है और बाकी बचा पानी बिहार इलाके के लिए चला जा रहा है. मालदह के बाद चांद तक सिंचाई विभाग द्वारा आठ जगहों पर पक्के सैफन ऊंचा-ऊंचा बनाया गया हैं. विभाग के अनुसार, ऊंचा साइफन नहीं रहेगा, तो किसानों के खेतों में कुलावा नहीं चल पायेगा. कुलावा पकड़ने के लिए ही साइफन ऊंचा बनाया गया है. पानी भरने के बाद साइफन के ऊपर से पानी नीचे चला जायेगा. – साइफन ऊंचा रहने से पानी पहुंचाने में लग रहा समय एक तरफ बेन हेड से बिहार के हिस्से का पानी 300 क्यूसेक की जगह अभी 187 क्यूसेक ही दिया जा रहा है. ऊपर से ऊंचे-ऊंचे बने साइफन नीचे के किसानों के लिए रोड़ा बन सकते हैं. लेकिन विभाग द्वारा बताया जा रहा है कि इतने पानी में ही काम चलाया जाना है. ऊपर के किसानों के खेतों में पानी जा रहा है. नीचे के किसानों के खेतों में भी इसी पानी से कम चलाया जायेगा. यूपी बेन हेड के बेलदार राम जी प्रसाद ने बताया कि रात से ही पानी का लेबल बढ़ा है. इसलिए रविवार की सुबह से कर्मनाशा मुख्य नहर में 187 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो रहा है. – क्या कहते हैं अधिकारी सिंचाई विभाग के कनीय अभियंता संतोष चक्रवर्ती ने बताया कि रविवार की सुबह से 187 क्यूसेक पानी बेन हेड से कर्मनाशा मुख्य नहर को दिया जा रहा है. इसी पानी में काम चलाना है. खेतों में कुलावा पकड़ने के लिए ऊंचा साइफन का निर्माण किया गया है. जल्द ही चांद के नीचे पानी जाना शुरू हो जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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