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सीटिंग अरेंजमेंट से तीन गुना अधिक छात्रों की ली जा रही परीक्षा, हो रही अव्यवस्था

स्नातक सत्र 2023-27 फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा प्रमंडल के 17 केंद्रों पर ली जा रही है. अधिकतर अंगीभूत कॉलेजों को परीक्षा का केंद्र बनाया गया है. हालांकि कॉलेजों में सीटिंग अरेंजमेंट से दो से तीन गुना अधिक छात्रों की परीक्षा होने से परीक्षा के दौरान काफी अव्यवस्था दिख रही है.

छपरा. स्नातक सत्र 2023-27 फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा प्रमंडल के 17 केंद्रों पर ली जा रही है. अधिकतर अंगीभूत कॉलेजों को परीक्षा का केंद्र बनाया गया है. हालांकि कॉलेजों में सीटिंग अरेंजमेंट से दो से तीन गुना अधिक छात्रों की परीक्षा होने से परीक्षा के दौरान काफी अव्यवस्था दिख रही है. बीते शनिवार को भी प्रमंडल के कई कॉलेजों में अफरा-तफरी का माहौल दिखा. प्राचार्य परीक्षार्थियों को बेंच डेस्क उपलब्ध कराने में दिनभर परेशान रहे. सारण जिले के परसा के पीएन कॉलेज में तो स्थिति ऐसी थी कि यहां परीक्षार्थियों को खुले मैदान में टेंट लगाकर खाना खिलाने वाले मेज पर बैठाकर परीक्षा ली गयी. यहां कॉलेज में जितने कमरे हैं. उनके अनुसार महज छह सौ छात्रों की परीक्षा ही ली जा सकती है. लेकिन विश्वविद्यालय परीक्षा विभाग द्वारा दो हजार से अधिक छात्रों का केंद्र यहां बना दिया गया है. उसी प्रकार शहर के प्रीमियर कॉलेज राजेंद्र महाविद्यालय में भी करीब सात सौ परीक्षार्थियों की सीटिंग अरेंजमेंट है. लेकिन यहां 22 सौ के करीब छात्रों की परीक्षा ली जा रही है. ऐसे में कार्यालय व विभागों में भी बैठकर परीक्षा लेने की मजबूरी बनी हुई है. शहर के जयप्रकाश महिला कॉलेज, गंगा सिंह कॉलेज, पीसी विज्ञान कॉलेज, राम जयपाल कॉलेज में भी लगभग ऐसी ही स्थिति बनी हुई है. कुछ कॉलेजों के प्राचार्य का कहना है कि विश्वविद्यालय परीक्षा विभाग द्वारा पहले ही हमसे कॉलेज में उपलब्ध सीटिंग अरेंजमेंट की जानकारी मांगी गयी थी. तब हम लोगों ने कितने बेंच डेस्क व कितने कमरे उपलब्ध हैं. इसकी पूरी जानकारी दी थी. लेकिन परीक्षा शुरू होने के दो दिन पहले जब केंद्रों की सूची जारी हुई. तो उसमें कॉलेज में सीटिंग अरेंजमेंट से अधिक छात्रों की परीक्षा लेने का निर्देश मिला. अब अचानक से सभी छात्रों के लिए सीटिंग अरेंजमेंट दे पाना मुश्किल हो रहा है. कई कॉलेजों में तो नये भवन व कमरों का निर्माण हो रहा है. ऐसे में यहां व्यवस्थित ढंग से परीक्षा लेने में परेशानी अधिक हो रही है.

छात्र संगठन आंदोलन की कर रहे तैयारी

जिले के कई प्रमुख छात्र संगठन परीक्षा विभाग पर आरोप लगा रहे हैं कि परीक्षा विभाग ने कॉलेजों में उपलब्ध सीटिंग अरेंजमेंट के हिसाब से छात्रों की संख्या निर्धारित नहीं की है. जिसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. छात्र संगठन आरएसए के उज्जवल कुमार सिंह ने कहा कि पहली बार विश्वविद्यालय में सीबीसीएस पैटर्न पर परीक्षा ली गयी. उम्मीद थी कि सिलेबस में हुए बदलाव के साथ ही शैक्षणिक व्यवस्था में भी बदलाव दिखेगा. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है. छात्रों का मनोबल टूट रहा है. एसएफआइ, एआइएसएफ आदि छात्र संगठन भी आंदोलन भी तैयारी में जुटे हुए हैं. छात्र संगठनों का कहना है कि परीक्षा के चार-पांच पेपर और बचे हुए हैं. इससे पहले यदि सीटिंग अरेंजमेंट को दुरुस्त नहीं किया गया तो एक बड़ा आंदोलन किया जायेगा. वहीं परीक्षा नियंत्रक डॉ दिलीप कुमार का कहना है कि सभी व्यवस्थाएं सीटिंग अरेंजमेंट के हिसाब से तय की गयी हैं. कुछ पेपर में छात्रों की संख्या अधिक थी. जिस कारण अव्यवस्था हुई है. जिसे सुधारने का प्रयास किया जा रहा है.

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