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आरजीएच से मरीजों को निजी अस्पताल में भेजने का रैकेट सक्रिय, मिलता है दो से तीन हजार रुपये का कमीशन

दलाल गरीब मरीजों को अपना शिकार बना रहे हैं और उनकी जान जोखिम में डाल रहे हैं.

राउरकेला,

राउरकेला सरकारी अस्पताल (आरजीएच) में फर्जी डॉक्टरों और नर्सों की गिरफ्तारी के बाद अब यहां मरीजों को निजी अस्पतालों में भेजने का रैकेट सक्रिय होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. जिसमें इस रैकेट से जुड़े दलाल गरीब मरीजों को अपना शिकार बना रहे हैं और उनकी जान जोखिम में डाल रहे हैं. वे बेहतर इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों के माध्यम से मरीजों और उनके परिजनों का शोषण कर रहे हैं. यहां से प्रतिदिन एक-दो नहीं, विभिन्न विभागों से कई मरीज निजी अस्पतालों में भेजे जा रहे हैं.

जानकारी के अनुसार निजी अस्पतालों से दलालों को प्रति मरीज 2 से 3 हजार रुपये मिल रहे हैं. इसमें भले ही आरजीएच में इस तरह के अवैध लेनदेन लंबे समय से चल रहा है, लेकिन विभागीय अधिकारियों द्वारा इस पर कार्रवाई नहीं की गई है. सूत्र बताते हैं कि सर्जरी, मेडिसिन, प्रसूति एवं स्त्री रोग, शिशु रोग विभाग को मिलाकर आरजीएच से रोजाना 10 से 15 लोगों को निजी अस्पतालों में भेजा जा रहा है. आरोप है कि इसमें आरजीएच के विभिन्न विभागों में काम करने वाले कुछ डॉक्टर, अटेंडेंट और कर्मचारी शामिल हैं. जो लोग निजी अस्पताल के अधिकारियों से मिले हुए हैं, वे इस तरह की अवैध गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं. इस संबंध में उन्हें भारी मासिक कमीशन भी मिल रहा है.

आरजीएच का एक ऑडियो वायरल, पर संदेह के घेरे में है अस्पताल कर्मी

भ्रष्टाचार के आरोप में अस्पताल प्रबंधक मोहित श्रीवास्तव को बर्खास्त करने से पहले आरजीएच का एक ऑडियो वायरल होने के बाद यह बात सामने आयी है. इस ऑडियो में आरजीएच सर्जरी विभाग का एक परिचारक एक निजी अस्पताल की नर्स से मरीज रेफरल के बारे में बात कर रहा है. ऑडियो में परिचारक का कहना है कि सिर्फ वह ही नहीं, बल्कि अन्य विभागों के परिचारक और कर्मचारी आये दिन मरीजों को निजी अस्पताल भेज रहे हैं. यह ऑडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. बताया जाता है कि संदेह के घेरे में आये प्रसूति एवं स्त्री रोग, शिशु रोग, मेडिसिन, सर्जरी, बर्न यूनिट आदि विभागों में जांच प्रक्रिया सख्त कर दी जाये तो ऐसे अवैध काम करने वाले कर्मचारियों का असली चेहरा सामने आ जायेगा. इस मामले को लेकर आरजीएच निदेशक डॉ गणेश प्रसाद दास का ध्यान आकर्षित कराये जाने से उनका कहना था कि यदि लिखित शिकायत होगी तो थाने में मामला दर्ज कराया जायेगा. मरीजों का शोषण करने वाले ऐसे डॉक्टर, परिचारक और कर्मचारी को बख्शा नहीं जायेगा.

आरजीएच में भ्रष्टाचार: मैनेजर नौकरी से बर्खास्त, अन्य दोषियों के खिलाफ कार्रवाई पर है नजर

राउरकेला,

भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त किये गये राउरकेला सरकारी अस्पताल (आरजीएच) के मैनेजर मोहित श्रीवास्तव के सरकारी क्वार्टर में कर्मचारियों ने शनिवार को बर्खास्तगी का नोटिस चस्पां कर दिया है. एनएचएम निदेशक के निर्देश पर आरजीएच के दो कर्मचारी बर्खास्तगी पत्र सौंपने मोहित श्रीवास्तव के सरकारी क्वार्टर पर गये. क्वार्टर पर ताला लगा होने के कारण दोनों पत्र लेकर लौट आये. दो घंटे बाद वह दोबारा सरकारी क्वार्टर में गये. मोहित श्रीवास्तव अनुपस्थित थे जबकि उनकी पत्नी क्वार्टर में थीं. एक-दो बार लौटने के बाद आरजीएच स्टाफ मोहित श्रीवास्तव के सरकारी क्वार्टर में यह नोटिस चस्पां कर आ गये हैं. विदित हो कि अस्पताल प्रबंधक मोहित श्रीवास्तव शुक्रवार को सुबह 11 बजे एनएनएम के निदेशक के सामने पेश हुए. बाद में तीन सदस्यीय जांच टीम से प्राप्त रिपोर्ट, अस्पताल प्रबंधक के कारण बताओ नोटिस और आरजीएच निदेशक डॉ गणेश प्रसाद दास से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर सुनवाई की गयी. सुनवाई में पता चला कि अस्पताल प्रबंधक भ्रष्टाचार में संलिप्त है. आखिरकार एनएचएम के निदेशक को उन्हें नौकरी से निकालने पर मजबूर होना पड़ा. आरजीएच लॉन्ड्री, स्वच्छता, सुरक्षा और मुर्दाघर रेफ्रिजरेटर खरीद घोटाले में अस्पताल प्रबंधक मोहित श्रीवास्तव के बाद अन्य डॉक्टरों और कर्मचारियों पर क्या गाज गिरेगी, इस पर शहर के लोगों की नजर है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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