21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कश्मीरी-हिमाचली सेब के साथ बाजार में नजर आएगा मधुबनी का सेब

हरलाखी के एक युवा किसान ने जिले के मैदानी जमीन पर सेब उपजा कर कमाल कर दिया है. यह उनके जज्बा और लगन का परिणाम है आज हरलाखी में हो रहे सेब की खेती की चर्चा हर तरफ होने लगी है.

हरलाखी . हरलाखी के एक युवा किसान ने जिले के मैदानी जमीन पर सेब उपजा कर कमाल कर दिया है. साथ ही उस मिथक को भी तोड़ दिया है कि इस जमीन पर सेब की खेती नहीं हो सकती. यह उनके जज्बा और लगन का परिणाम है आज हरलाखी में हो रहे सेब की खेती की चर्चा हर तरफ होने लगी है. हरलाखी प्रखंड के पिपरौन परसा टोल निवासी राम प्रकाश महतो की 29 वर्षीय पुत्र राजीव रंजन शेयर मार्केट का काम को छोड़ फलों की खेती में अपना भविष्य संवार रहे हैं. ज्यादातर लोगों का यही मानना है कि सेब, संतरा आदि कई फल शिमला, कश्मीर आदि जैसे ठंडे इलाकों में ही हो सकती है. लेकिन इस युवक ने बिहार में तपती गर्मी में भी फलों की खेती से अपनी आय बढ़ाने में कामयाबी हासिल कर लिया है. लॉकडाउन में उत्तम खेती का जगी प्रेरणा युवा किसान राजीव कहते हैं कि पोस्ट ग्रेजुएट के बाद दिल्ली में शेयर मार्केट में काम करते थे. 2020 में हुए लॉकडाउन में घर आये. एक दिन सब्जी की खरीदारी करने जब वह बाजार गया. जहां सब्जी की महंगाई को देखने के बाद खुद की खेती शुरु कर दी. फिर सब्जी की खेती के साथ साथ कुछ अलग करने की सोचा और यूट्यूब में देखने के बाद मछली के लिए तमिलनाडु, बकरा के लिए मुंगेर, फल के लिए राजस्थान, मध्यप्रदेश, आदि कई राज्यों में जाकर पहले प्रशिक्षण लिया. उसके बाद कोलकाता के अलग- अलग नर्सरी जहां विदेशों से हर तरह का पौधे आते हैं, वहां से कई प्रकार की फलों का पौधा की खरीदारी कर करीब पांच बीघा में मौसमी फल लगा दिया. अपने इस फार्म को उन्होंने लव एंड एग्रीकल्चर पॉल्ट्री फार्म का नाम दिया है. शुरुआती सफलता से उत्साह लव एग्रीकल्चर एंड पॉल्ट्री फार्म में चारों तरफ फल ही फल दिखाई देता है. हालांकि इसकी शुरुआत पचास पेड़ नागपुरी संतरे, 50 हरमन 99 वाली सेब, 100 पेड़ भगवा सिंदूरी अनार, चीकू माल्टा का 50 पेड़, तैबान पिंक अमरुद 50, गोल्डेन सरिफा 50 पेड़, कागजी नींबू 100 पेड़, अंजीर का 10 पेड़, कटहल थाई ऑलटाइम 100 पेड़, केला का 100 पेड़ आदि शामिल है. इतना ही नही बागान के बगल में मछली पालन तथा घर पर बकरी फार्म भी है. सेब के पेड पर सेब लग गये हैं, तो अनार के पेड पर अनार. इसी प्रकार संतरा भी फल देने लगा है. जिसे देखने अब दूर दूर से किसान आ रहे हैं. 20 लाख सालाना कमाई के साथ साथ 100 लोगों को रोजगार देने का है लक्ष्य युवा किसान राजीव रंजन कहते है कि यह एक छोटी सी शुरुआत है. आगे फल और सब्जी की खेती को बढ़ाते हुए सालाना 20 लाख कमाने का लक्ष्य है. कहा कि बागान की रख रखाव आदि काम के लिए अभी 10 लोगों को रोजगार दिए है. आगे 100 लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य है. राजीव रंजन की खेती पूरे तौर पर जैविक पद्धति पर आधारित है. किसी भी फल व सब्जियों में खाद का इस्तेमाल नहीं करते हैं. मिनी मार्ट में मिलेगा फल व सब्जी युवा किसान कहते हैं कि हमारी लव एग्रीकल्चर एंड पॉल्ट्री फार्म एनएच 227 स्थित परसा टोल से करीब आधा किलोमीटर बधार में है. जहां चार पहिया वाहनों को जाने के लिए रास्ता नहीं है. इसलिए ग्राहकों की सुविधाओं के लिए परसा टोल में ही एनएच किनारे जल्द मिनी मार्ट बनवाया जाएगा. जहां एक ही छत के नीचे हमारे फार्म का सभी प्रकार की सब्जियां, दाल, सभी प्रकार का फल व मछली मिल जाएगा. बहरहाल युवा किसान की चर्चा में चारों तरफ हो रही है और उसको देख अन्य किसानों को भी प्रेरणा जगी है जिससे आने वाले समय में अन्य किसान भी फलों की खेती में अपना भविष्य तलाश सकते है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें