कोलकाता. कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) 89.6 करोड़ टन सालाना क्षमता और 1,33,576 करोड़ रुपये की स्वीकृत पूंजी वाली 119 परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ा रही है. दुनिया की सबसे बड़ी खनन कंपनी ने अपने हालिया सालाना रिपोर्ट में कहा कि ये परियोजनाएं कार्यान्वयन के विभिन्न चरण में हैं और उत्पादन क्षमता बढ़ाने व भविष्य में कोयला की मांग को पूरा करने के लिए कंपनी की सक्रिय रणनीति का हिस्सा हैं. हालांकि कंपनी ने पूंजीगत व्यय के लिए कोई समयसीमा नहीं बतायी. लेकिन यह कहा कि इन परियोजनाओं के विकास में उन्नत खनन प्रौद्योगिकियों और बुनियादी ढांचे में पर्याप्त निवेश शामिल है, जिसका उद्देश्य उत्पादकता बढ़ाना और टिकाऊ खनन प्रक्रियाओं को सुनिश्चित करना है. कंपनी ने देश में कोयला की मांग को पूरा करने और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य का समर्थन करने के लिए 2025-26 तक एक अरब टन का उत्पादन हासिल करने का लक्ष्य रखा है. वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी का उत्पादन 77.36 करोड़ टन रहा था. सीआइएल ने कहा कि 2023-24 में दो करोड़ टन की स्वीकृत क्षमता और 1,783.09 करोड़ रुपये की स्वीकृत पूंजी वाली एक कोयला खनन परियोजना पूरी हो गयी है. यह निर्धारित समयसीमा के भीतर बड़े पैमाने पर परियोजनाओं को निष्पादित करने की हमारी क्षमता को प्रदर्शित करती है. बीते वित्त वर्ष के दौरान 17.04 करोड़ टन प्रति वर्ष की कुल क्षमता और 27,087.69 करोड़ रुपये की कुल स्वीकृत पूंजी वाली 16 कोयला खनन परियोजनाओं को मंजूरी दी गयी. रिपोर्ट के अनुसार, सीआइएल नवीनतम उपकरण, उन्नत अन्वेषण और मूल्यांकन प्रौद्योगिकी, कुशल खदान योजना और विकास को अपना रही है. कंपनी अगले वित्त वर्ष में 3,700 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के उच्च क्षमता वाले उपकरण खरीदने की योजना बना रही है, जिसका उद्देश्य दक्षता बढ़ाने के लिए कोयला उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाना है. कंपनी ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 15,500 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय का लक्ष्य निर्धारित किया है.
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