संवाददाता, कोलकाता
वाममोर्चा के शासनकाल में कई एकड़ जमीन कम कीमत पर लीज पर दी गयी थी. किसी को दफ्तर खोलने, कारखाना लगाने व आवास बनाने के लिए उक्त जमीन लीज पर दी गयी थी. सरकार से मिली जमीन पर बहुत से मामलों में कोई निर्माण नहीं हुआ है. कई लोगों ने जमीन को किराये पर दे रखा है. इससे मुनाफा कमा करा रहे हैं. अब ऐसे लोगों के खिलाफ राज्य सरकार कड़ा कदम उठाने जा रही है. ऐसी जमीनों को सरकार अपने कब्जे में लेकर नीलाम करेगी. इसे लेकर संबंधित विभाग को नबान्न की ओर से विशेष निर्देश जारी किया गया है. नबान्न सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वाममोर्चा के समय इएम बाइपास, पाटुली, कसबा सहित अन्य इलाके में बहुत सारे लोगों को जमीन लीज पर दी गयी थी. कुल मिला कर कई हजार एकड़ जमीन दी गयी थी. लोगों ने जमीन का सही इस्तेमाल नहीं किया. बिल्डिंग प्लान लेकर भी वहां कोई निर्माण नहीं हुआ.
राज्य का नगरपालिका व शहरी विकास मंत्रालय ऐसी जमीनों की पहचान कर लीजधारकों को नोटिस भेज रहा है. विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नियम के मुताबिक जमीन लेने के तीन साल के भीतर ही निर्माण कार्य करना होगा. अब सरकार ने नियम के मुताबिक उक्त जमीनों की नीलामी करने का फैसला किया है. उनके मुताबिक वहां इस समय जमीनों की जो कीमत है, यदि जमीन वापस लेती है, तो सरकारी खजाने में कई हजार करोड़ रुपये आ जायेंगे.
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